केंद्र सरकार ने ओडिशा के लिए स्वीकृत किए 3338.22 करोड़ रुपये

भुवनेश्वर
केंद्र में सत्तारूढ़ नरेंद्र मोदी सरकार ने चक्रवाती तूफान 'फोनी' का कहर झेलने वाले ओडिशा के लिए 3338.22 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। गौरतलब है कि मई में फोनी तूफान ने ओडिशा के 11 तटवर्ती जिलों में तबाही मचाई थी। यह चक्रवात ग्रीष्मकालीन चक्रवातों में ‘दुर्लभ से दुर्लभतम’ श्रेणी का था। बीते 43 सालों में ओडिशा पहुंचने वाला पहला और बीते 150 सालों में आए 3 सबसे ताकतवर तूफानों में से एक था।
राजधानी नई दिल्ली में सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में संपन्न हुई उच्च स्तरीय बैठक के दौरान यह राशि स्वीकृत की गई। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार स्वीकृत की गई यह राशि 1341 करोड़ के उस फंड से अधिक है, जिसे केंद्र ने ओडिशा के लिए पहले जारी किया था। केंद्र ने तूफान के आने से पहले ही 29 अप्रैल को ओडिशा के लिए 340.87 करोड़ रुपये जारी कर दिया था।

प्रधानमंत्री ने फोनी तूफान की वजह से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए 6 अगस्त को ओडिशा का दौरा भी किया था। उन्होंने एक हजार करोड़ रुपये की तत्काल सहायता का ऐलान किया था। इसके अलावा मृतक के परिजनों के लिए 2 लाख रुपये प्रत्येक तथा गंभीर तौर पर घायलों के लिए 50 हजार रुपये प्रधानमंत्री राहत फंड से मुहैया कराए गए थे।

राज्य सरकार ने तूफान की वजह से सार्वजनिक संपत्तियों को पहुंचे नुकसान और राहत कार्य के लिए फंड की जरूरत 9336 करोड़ रुपये की बताई थी। इसके साथ ही प्राकृतिक आपदा में सहायता के नियमों के अनुसार एनडीआरएफ से 5227.68 करोड़ रुपये की सहायता भी मांगी है।

फोनी चक्रवाती तूफान की वजह से एक करोड़ 60 लाख लोग प्रभावित हुए थे, जबकि 1.88 लाख हेक्टेयर फसलों को नुकसान पहुंचा था। 5 लाख 56 हजार 761 घर आंशिक या पूरी तरह से तबाह हो गए थे। इसकी वजह से 64 लोगों की मौत हो गई थी और 12 लोग बुरी तरह घायल हुए थे। वहीं 2650 बड़े जानवर, 3631 छोटे जानवर और 53 लाख 26 हजार 905 पक्षियों की मौत हो गई थी।

चक्रवाती तूफान के समय केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ की 71 टीमें, सेना की 9 टुकड़ियां, 9 इंजिनियरिंग टास्क फोर्स (ईटीएफ), 27 हेलिकॉप्टर, सैन्य बल के 16 जहाज को बचाव अभियान के लिए तैनात किया था। ओडिशा में इससे पहले 1999 में सुपर साइक्लोन आया था, जिसकी वजह से 10 हजारों लोगों की मौत हो गई थी और बहुत बड़े क्षेत्र में भीषण क्षति हुई थी।

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