कुछ के वॉकउट्स से पास हो जाएगा तीन तलाक बिल, सरकार को भरोसा, राज्यसभा में कुछ मित्र दलों के समर्थन

 
नई दिल्ली 

सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों को तीन तलाक बिल के जरिए राज्यसभा में अपनी-अपनी ताकत फिर से आजमाने का मौका मिलने वाला है। इस विधेयक में एकसाथ तीन तलाक देनेवाले मुस्लिम पुरुषों के लिए जेल की सजा का प्रावधान किए जाने का प्रस्ताव किया गया है। लोकसभा से पास करवा लेने के बाद इसे राज्यसभा की हरी झंडी दिलवाने के लिए सरकार को गैर-एनडीए, गैर-यूपीए दलों का समर्थन मिलने और कुछ सांसदों के सदन से गैर-हाजिर रहने जबकि कुछ के वॉकआउट करने की उम्मीद लगानी होगी। 

RTI संशोधन बिल पर मिला था इन पार्टियों का साथ 
राज्यसभा में सत्ता पक्ष को बहुमत के अभाव के कारण विपक्षी पार्टियों को विधेयक पास करने की राह में लगातार अड़ंगे लगाने का मौका मिलता रहा है। लेकिन, पिछले हफ्ते सूचना का अधिकार संशोधिन विधेयक पर सरकार को बीजू जनता दल (बीजेडी), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) जैसे गैर-एनडीए, गैर-यूपीए दलों का समर्थन मिल गया। 

सहयोगी जेडीयू ही तीन तलाक बिल के विरोध में 
हालांकि, सरकार के लिए तीन तलाक बिल को पास करवाने की चुनौती थोड़ी कठिन है क्योंकि यहां उसे सहयोगी दल जनता दल यूनाइडेट (जेडीयू) का ही समर्थन नहीं मिल रहा ह। साथ ही, इस विधेयक को लेकर उलेमाओं और मुस्लिम नेताओं के आक्रोश के मद्देनजर कुछ अन्य पार्टियां भी संकोच में हैं। सरकार के मैनेजरों को लगता है कि जेडीयू के सांसद इस बिल को लोकसभा से पास करवाते वक्त जिस तरह सदन से वॉकआउट कर गए, उसी तरह राज्यसभा में भी हो जाए तो सरकार का काम बन जाएगा। जिन गैर-एनडीए, गैर-यूपीए दलों ने आरटीआई संशोधन बिल पर सरकार का साथ दिया था, उनमें वाईएसआरसीपी स्पष्ट कर चुकी है कि उसके दो राज्यसभा सांसद विधेयक के खिलाफ वोट करेंगे। 

सरकार के फ्लोर मैनेजर्स का गुणा-गणित 
ऐसे में बीजेपी के फ्लोर मैनेजर्स एआईएडीएमके और टीआरएस जैसे दलों के राज्यसभा सांसदों के वॉकआउट करने या गैर-हाजिर रहने जैसी सभी संभावित परिस्थितियों का विश्लेषण कर रहे हैं। सरकार को ऐसे हालात बनने की उम्मीद इसलिए भी है क्योंकि इन पार्टियों ने लोकसभा में विधेयक का विरोध नहीं किया था। हालांकि, वहां इन पार्टियों के सांसदों की सीमित संख्या के मद्देनजर इनके विरोध का कुछ असर पड़ने वाला था भी नहीं। बहरहाल, राज्यसभा में तीन तलाक बिल को बीजेडी का समर्थन हासिल होने की पूरी संभावना है और ऐसा हुआ तो सरकार के लिए बड़ी राहत होगी। 

राज्यसभा में सरकार के पक्ष में झुकने लगा है आंकड़ा 
तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के चार राज्यसभा सांसदों के बीजेपी जॉइन कर लेने से ऊपरी सदन में भी मोदी सरकार का पलड़ा भारी होने लगा है। राज्यसभा में दलगत आंकड़ों पर नजर डालें तो कुल मिलाकर सत्ता पक्ष ही मजबूत होता दिख रहा है। अभी सत्ताधारी एनडीए गठबंधन को राज्यसभा में 12 मनोनीत और निर्दलीय सांसदों समेत कुल 113 सदस्यों का समर्थन हासिल है। अगर उसे बीजेडी के सात और टीआरएस के छह सदस्यों का समर्थन मिल जाए तो उसे सदन में बहुमत मिल जाएगा। 

तीन तलाक बिल पर राज्यसभा में यह समीकरण 
अभी सदन में बहुमत का वास्तविक आंकड़ा 121 है, लेकिन ट्रिपल तलाक बिल पर वोटिंग के दौरान जेडीयू के सांसद गैर-हाजिर रहे तो यह घटकर 118 पर आ जाएगा। अगर, एआईएडीएमके और टीआरएस ने वॉकआउट का फैसला किया तो इस आंकड़े में और कटौती हो जाएगी। बरहाल, तीन तलाक बिल को राज्यसभा में इसी हफ्ते पेश किए जाने की उम्मीद है। 
 

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