किसान से रिश्वत लेना पड़ा महंगा, तहसीलदार और बाबू को पांच-पांच साल की सजा

भिंड
किसानों से नामांतरण के लिए रिश्वत लेना तहसीलदार और उसके रीडर को महंगा पड़ा है | जिला न्यायालय के द्वारा तहसीलदार और उसके रीडर को 5- 5 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। मामला तीन साल पुराना है| भूमि नामांतरण कराने के नाम पर 7500 रुपए की रिश्वत मांगी गई थी| लोकायुक्त टीम ने दोनों को गिरफ्तार किया था| रीडर ने पांच सौ रुपए अपने लिए और सात हजार तहसीलदार के लिए रिश्वत ली थी|

अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य, अभियुक्त की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य, अभियोजन और अभियुक्त की बहस सुनने के पश्चात कोर्ट ने आरोपी राजेश सिंह कुशवाह एवं आरेपी तहसीलदार अशोक गुप्ता को भृ.नि.अधि. की धारा 7, 13 एवं भादवि की धारा 120बी के तहत दोषी पाया। विशेष न्यायालय ने आरोपी राजेश सिंह कुशवाह को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 मे 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10000 रूपए जुर्माना और धारा 13(1)(घ) सहपठित 13(2) के तहत पांच वर्ष का सश्रम कारावास एवं दस हजार रूपये के जुर्माने से दण्डित किया गया। इसी प्रकार आरोपी तहसीलदार अशोक कुमार गुप्ता को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की ़धारा 7 मे 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10000 रूपए जुर्माना और धारा 13(1)(घ) सहपठित 13(2) के तहत पांच वर्ष का सश्रम कारावास एवं दस हजार रूपये के जुर्माने से दण्डित किया गया।

दरअसल 23 सितम्बर 2016 को कुँअर साहब सिंह चैहान पुत्र बृहम्मदेव सिंह चैहान निवासी लहारा थाना अमायन तहसील मेहगाॅव जिला भिण्ड ने पुलिस अधीक्षक विशेष पुलिस स्थापना लोका युक्त ग्वालियर को अपने पर दादा की भूमि अपने दादा प्रहलाद सिंह चैहान के नाम पर नामांतरण कराये जाने के लिए तहसील मेहगाॅव के रीडर आरोपी राजेश सिंह कुशवाह द्वारा स्वयं के लिए 500 एवं नायव तहसीलदार अशोक गुप्ता के लिए 7000 रुपए की रिश्वत मांग किये जाने के संबंध में शिकायत की थी। इस शिकायत के आधार पर आवेदक कुँअर साहब सिंह चैहान ने लोकायुक्त पुलिस के निर्देश पर आरोपी बाबू राजेश सिंह कुशवाह के साथ किये गये रिश्वत वार्तालाप को रिकाॅर्ड कर लिया। उक्त कार्यवाही के पश्चात दिनांक 23 सितम्बर 2016 को लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी राजेश सिंह कुशवाह को तहसील मेहगाॅव के नायव तहसीलदार के कक्ष में फरियादी कुँअर साहब सिंह चैहान से 7500 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा घटनास्थल पर ही जब लोकायुक्त पुलिस ने फरियादी के नामांतरण से संबंधित दसतावेजों को जप्त कर अवलोकन किया तो यह पाया कि नायव तहसीलदार अशोक गुप्ता ने नामांतरण की कार्यवाही के संबंध में आदेश पूर्व में ही लेख करवा लिया था किंतु रिश्वत राशि न मिलने के कारण आरोपी अशोक गुप्ता द्वारा आदेश पर हस्ताक्षर नहीं किये जा रहे थे। अशोक गुप्ता का उक्त कार्य आरोपी राजेश कुशवाह के साथ रिश्वत राशि लेने के लिए षडयंत्र मानते हुए आरोपी अशोक गुप्ता को भी प्रकरण में आरोपी बनाया गया। उपरोक्त दोनों आरोपीगण के विरूद्ध अन्वेषण पश्चात् अभियोगपत्र विशेष न्यायालय (भृष्टाचार निवारण अधिनियम) भिण्ड में प्रस्तुत किया।

अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य, अभियुक्त की ओर प्रस्तुत साक्ष्य, अभियोजन और अभियुक्त की बहस सुनने के पश्चात आज मान0 न्यायालय ने आरोपी राजेश सिंह कुशवाह एवं आरेपी तहसीलदार अशोक गुप्ता को भृ.नि.अधि. की धारा 7, 13 एवं भादवि की धारा 120बी के तहत दोषी पाया।

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