किसानों और कर्मचारियों को सरकार दे सकती है बड़ी सौगात

भोपाल
 लोकसभा चुनाव से पहले हर वर्ग को साधने की कोशिश में आज सरकार बड़े फैसले ले सकती है| किसानों और कर्मचारियों से जुड़े प्रस्तावों पर आज कैबिनेट में मुहर लग सकती है, जिससे किसानों और कर्मचारियों के लिए यह एक तोहफा होगा| राज्य सरकार प्रदेश के सोयाबीन, ज्वार और मक्का उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन राशि देने पर विचार कर रही है। आज होने वाली कैबिनेट बैठक में इस पर फैसला हो सकता है। जिसके तहत सोयाबीन उत्पादक किसान 500 रुपए प्रति क्विंटल और मक्का पर 200 रुपए प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि मिल सकती है। साथ ही कर्मचारियों का डीए बढ़ाने पर भी विचार हो सकता है। डीए बढ़ाने से राज्य सरकार पर 1100 करोड़ रुपए का बोझ बढ़ेगा। कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनर्स को भी इसका फायदा मिलेगा, लेकिन अभी छत्तीसगढ़ ने इसकी सहमति नहीं दी है।

12 लाख किसानों को मिल सकती है सौगात 

सरकार राज्य के 12 लाख किसानों को मक्का, सोयाबीन की प्रोत्साहन राशि देने की तैयारी में है। इससे जुड़ा प्रस्ताव आज कैबिनेट में रखा जाएगा। पिछले दिनों कलेक्टरों से किसानों की जानकारी मांगी गई थी| सत्ता परिवर्तन के बाद से ही भाजपा व पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसको मुद्दा बनाकर सरकार की घेराबंदी कर रहे थे| चुनाव से पहले हर वर्ग को साधने में जुटी नई सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है, जिसके चलते अपने वचन पत्र के वादों के साथ ही अन्य मांगों को भी पूरा करने की तैयारी है| कैबिनेट में अगर इस प्रस्ताव पर मुहर लगती है तो  3 मार्च से पहले प्रोत्साहन राशि किसानों के खाते में डाली जा सकती है। राज्य सरकार द्वारा सोयाबीन पर 500 रुपए प्रति क्विंटल और मक्का पर 200 रुपए प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि दी जाने की संभावना है| इससे प्रदेश के 12 लाख किसानों को फायदा मिलेगा। कर्जमाफी, बिजली बिल हाफ करने के बाद किसानों के हित में सरकार का यह बड़ा फैसला होगा| हालाँकि पिछली सरकार में इसकी घोषणा की गई थी|   

कर्मचारियों को मिलेगा बढ़ा हुआ डीए

कर्मचारियों का डीए सात से बढ़ाकर नौ प्रतिशत करने के बावजूद केंद्रीय कर्मचारियों से तीन प्रतिशत कम होगा, क्योंकि केंद्र सरकार ने पिछले दिनों केंद्रीय कर्मचारियों का डीए जनवरी से तीन प्रतिशत और बढ़ा दिया है। राज्य के कर्मचारियों का डीए जुलाई 2018 से नहीं बढ़ाया गया था। कर्मचारियों का डीए केंद्र और राज्य सरकार साल में दो बार बढ़ाती है। कैबिनेट आज जनजातीय कार्य विभाग का नाम बदलकर आदिवासी कल्याण विभाग करने जा रही है। पहले विभाग का यही नाम था, लेकिन शिवराज सरकार में इसका नाम बदलकर जनजातीय कार्य विभाग रख दिया गया था। इसके अलावा कई अनुसमर्थन के मामले भी कैबिनेट बैठक में रखे जाएंगे।

इन प्रस्तावों पर भी लग सकती है मुहर

-जनजातीय कार्य विभाग का नाम बदलकर आदिवासी कल्याण विभाग करने का प्रस्ताव।पहले इसका नाम यही नाम था।

-कई अनुसमर्थन के मामले भी कैबिनेट बैठक में रखे जाएंगे।

-आर्थिक मामलों के लिए मंत्रिपरिषद की समिति बनाए जाने पर चर्चा।

-उद्योग संवर्धन नीति में बदलाव किए जाने का प्रस्ताव ।। इसके तहत प्रदेश में लगने वाले नए उद्योग प्रदेश के जितने ज्यादा लोगों को रोजगार देंगे, उन्हें राज्य सरकार उतनी ज्यादा सहूलियतें देगी। 

-भोपाल-इंदौर मेट्रो के लिए केंद्र, राज्य सरकार और मप्र मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड के बीच होने वाले एमओयू के ड्राफ्ट की मंजूरी पर विचार किया जाएगा। इसके अनुसार सीएम के बजाय केंद्र से नॉमिनेट व्यक्ति इसका चेयरमैन होगा। फुल टाइम एमडी मिलेगा, इसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में दस डायरेक्टर होंगे। 

– शराब लाइसेंस के नवीनीकरण की राशि 15 से 20 फीसदी बढ़ाए जाने पर विचार । इस बढ़ोतरी से सरकार को करीब 750 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व मिलने का अनुमान है। इस प्रस्ताव को एक्स एजेंडे के तहत लाया जा सकता है।

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