कांवड़ पर अड़े पिता, कोर्ट पहुंचा बेटा

नई दिल्‍ली
कोरोना वायरस महामारी के दौर में एक बेटा अपने बुजुर्ग पिता को कांवड़ यात्रा पर नहीं जाने देना चाहता। उसने दिल्‍ली हाई कोर्ट में अर्जी लगाई है कि सीनियर सिटीजंस के इस यात्रा में हिस्‍सा लेने पर रोक लगे। कांवड़ यात्रा अगले महीने से शुरू हो रही है। याचिकाकर्ता सुभाष ने कहा कि उनके पिता कांवड ले जाने की जिद पर अड़े हुए हैं। सुभाष ने कहा कि उनके पिता को सांस संबंधी बीमारियां हैं, फिर भी वह 6 जुलाई से 19 जुलाई के बीच होने वाली कांवड़ यात्रा में जाना चाहते हैं। याचिका में अदालत से इस साल 60 साल से ज्‍यादा उम्र वालों को कांवड़ यात्रा से छूट देने की अपील की गई है।

बेटे ने जताया कोरोना का खतरा
याचिका में कहा गया है कि सरकारी रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना 60 प्‍लस ऐजग्रुप वाले लोगों के लिए सबसे ज्‍यादा खतरनाक है। PIL यह भी कहती है कि हर साल कांवड़ यात्रा में जितनी भीड़ होती है, उसे देखते हुए सोशल डिस्‍टेंसिंग रख पाना संभव नहीं होगा। अदालत से गुहार लगाई गई है कि ऐसे में बुजुर्ग और बीमार कांवड़‍ियों का कांवड़ यात्रा में हिस्‍सा लेना न सिर्फ उनके लिए, बल्कि उनके परिवार और पूरे समुदाय के लिए खतरनाक होगा।

अदालत ने केंद्र के पाले में डाली गेंद
याचिका पर सुनवाई के दौरान, केंद्र सरकार के वकील अनिल सोनी ने गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस का हवाला दिया। उन्‍होंने कहा कि बड़े जुलूसों और धार्मिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध हैं, ऐसे में इस याचिका का कोई मतलब नहीं है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस प्रतीक जैन की बेंच ने बुधवार को केंद्र से इस PIL को रिप्रेजेंटेशन की तरह देखने को कहा।

 

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