कांग्रेस से हिना तो भाजपा से देवड़ा उम्मीदवार, चुनाव आज

भोपाल
 विधानसभा अध्यक्ष के पद पर टकराव के बाद अब सत्तापक्ष कांग्रेस ने उपाध्यक्ष पद पर भी अपना दावा ठोक दिया है। परम्परा यह रही है कि उपाध्यक्ष पद विपक्ष के लिए छोड़ा जाता है, लेकिन भाजपा के स्पीकर पद पर उम्मीदवार उतारे जाने के बाद कांग्रेस ने यह सियासी कार्ड खेला है। उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस से हिना कावरे तो भाजपा से जगदीश देवड़ा उम्मीदवार हैं। लांजी से दूसरी बार की कांग्रेस विधायक हिना कावरे ने बुधवार को चार सैट में नामांकन दाखिल किया। वहीं, भाजपा ने दलित कार्ड खेलते हुए जगदीश देवड़ा से पर्चा भरवाया। चुनाव गुरुवार को होगा।

कमलनाथ बोले- हमारा उपाध्यक्ष बनेगा

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रियों की बैठक में स्पष्ट किया कि वक्त निकल गया है। भाजपा कहेगी तो भी समझौता नहीं होगा। हम चुनाव लड़ेंगे और उपाध्यक्ष बनाएंगे। उन्होंने कहा, भाजपा गड़बड़ी करने की कोशिश करेगी, लेकिन हमें दवाब में नहीं आना है। सब सतर्क रहें, साथ रहें और पूरे समय सदन में ही मौजूद रहें। बहुमत हमारे साथ है।

भाजपा का हक नहीं बनता : हिना

कांग्रेस : हिना कावरे ने कहा- पार्टी ने मुझे बड़े पद की जिम्मेदारी देने का फैसला किया है, यह मेरे लिए गौरव की बात की है। भाजपा ने परंपरा तोड़ी है, इसलिए इस पद पर उनका कोई हक नहीं बनता। उन्होंने दावा किया कि बहुमत कांग्रेस के पास है, इसलिए जीत भी हमारी होगी। मैं नाम वापस नहीं लूंगी।

मैं बलि का बकरा नहीं : देवड़ा

भाजपा : जगदीश देवड़ा ने कहा- पार्टी ने निर्णय लिया है कि मैं उपाध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बनूं, इसलिए नामांकन दाखिल किया। कांग्रेस के पास संख्या बल ज्यादा है, लेकिन मैं अपनी उम्मीदवारी को बलि का बकरा नहीं मानता। संगठन के आदेश का पालन करना ही कर्तव्य है। पार्टी मुझे समय-समय पर मान-सम्मान देती रही है।

इधर, उपाध्यक्ष का चुनाव लडऩे पर भाजपा में ही विरोध के स्वर

उपा ध्यक्ष का चुनाव लडऩे के पार्टी के निर्णय से भाजपा के कई वरिष्ठ विधायक असहमत हैं। इनमें से कुछ बैठक में कह चुके हैं कि स्पीकर और उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं लडऩा चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संगठन में यही बात रखी थी। विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने वाले विजय शाह ने कहा, सदन की परंपरा रही है कि उपाध्यक्ष के पद पर चुनाव नहीं होता है। उन्होंने कहा, हम अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ते तो उपाध्यक्ष पद स्वत: मिल जाता। पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा, जनादेश कांग्रेस को मिला है और हमारी संख्या 109 है। हमें इसका ध्यान रखना चाहिए। वरिष्ठ विधायक अजय विश्नोई ने मंगलवार को पार्टी की बैठक में अध्यक्ष पद पर उम्मीदवार उतारने पर असहमति जताई थी। विधायक केदार शुक्ला ने कहा कि हम तो हस्तिनापुर के खूंटे से बंधे हैं। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव लडऩा नेतृत्व का निर्णय है। मैं इस पर बाहर टिप्पणी नहीं करूंगा।

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