कांग्रेस सरकार ने मंदिरों के पुजारियों के मानदेय में की तीन गुना वृद्धि

भोपाल
मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार ने अपने वचनपत्र पर अमल करते हुए शासन द्वारा संधारित मंदिरों के पुजारियों के मानदेय में तीन गुना वृद्धि करने का निर्णय लिया है। मध्यप्रदेश के जनसंपर्क एवं धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के मंत्री पी सी शर्मा ने बताया कि शासन से संबंधित मंदिरों और तत्कालीन ग्वालियर रियासत की ओर से संधारित मस्जिदों के धर्म गुरुओं को दिए जा रहे मानदेय में तीन गुना वृद्धि की गई है। मानदेय में वृद्धि का आदेश एक जनवरी 2019 से प्रदेश भर में लागू माना जाएगा। इस आदेश से लगभग 25 हजार पुजारियों को लाभ पहुंचने की संभावना है।

शर्मा ने बताया कि ऐसे मंदिर जिनके पास कोई भूमि नहीं है, उनके पुजारियों को पूर्व में 1000 रूपए मानदेय मिलता था, उसे बढ़ाकर तीन हजार रूपए प्रतिमाह कर दिया गया है। इसी तरह 5 एकड़ तक भूमि वाले मंदिरों के पुजारियों को 700 रूपए से 2100 रूपए प्रतिमाह और 10 एकड़ तक भूमि वाले पुजारियों 520 रूपए से बढ़ाकर 1560 रूपए कर दिया गया है। शर्मा ने बताया कि वचनपत्र के अनुरूप प्रदेश की प्रमुख चार नदियों नर्मदा, ताप्ती, मंदाकिनी और क्षिप्रा को संरक्षित करने की दिशा में भी कदम बढ़ाया जा चुका है। चारों नदियों के संरक्षण के लिए मां नर्मदा, मां सूर्यपुत्री ताप्ती, मां मंदाकिनी और क्षिप्रा न्यास अधिनियम सम्बंधित प्रारूप को वित्त विभाग एवं सामान्य प्रशासन विभाग की सहमति के लिए भेजा जा चुका है। इस तरह इनसे संबंधित न्यास बनाए जाएंगे। 

शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना के अंतर्गत प्रयागराज कुंभ मेला में स्नान के लिए राज्य से लगभग 3600 यात्रियों को चार विशेष ट्रेन से भेजा जाएगा। पहली ट्रेन 12 फरवरी को हबीबगंज रेलवे स्टेशन से रवाना होगी। बुरहानपुर से 14 फरवरी को, शिवपुरी से 22 फरवरी और परासिया से 24 फरवरी को कुंभ मेला के लिये विशेष ट्रेन रवाना होंगी। उन्होंने कहा कि प्रयागराज कुंभ मेला स्थल पर मध्यप्रदेश सरकार ने विशेष पंडाल और सूचना केंद्र स्थापित किया है। सर्व सुविधाओं से सुसज्जित सूचना केंद्र में राज्य से जाने वाले यात्रियों को आवश्यक मार्गदर्शन भी दिया जाएगा। उनका दावा है कि राज्य सरकार ने ऐसा पहली बार किया है। शर्मा ने कहा कि राज्य की कमलनाथ सरकार गौ संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दे रही है। इसलिए राज्य सरकार की ओर से संधारित मंदिर परिसरों में गायों को रखकर उनकी देखरेख की उचित व्यवस्था की जाएगी। ऐसा करने से मंदिर में आने वाले श्रद्धालु गौमाता के दर्शन और पूजन इत्यादि कर सकेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की ओर से बनायी जा रही गौशालाओं के अतिरिक्त यह कार्य किया जाएगा। 

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