कांग्रेस विधायक ने मुख्यमंत्री को याद दिलाया ‘वचन’… 

भोपाल
जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन के राष्ट्रीय संरक्षक और कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने डॉ. हीरालाल अलावा ने एक बार फिर कमलनाथ सरकार के सामने बड़ी मांग रख दी है| उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ को वचन पत्र में आदिवासियों को लिए  किये वादे को याद दिलाया है| विधायक अलावा ने सीएम को पत्र लिखकर कई मांगें की है, साथ ही स्वयं को मध्य प्रदेश जनजाति सलाहकार परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किये जाने की मांग की है| इससे पहले टीम कमलनाथ में 28 विधायकों के मंत्री पद की शपथ ग्रहण लेने के बाद अलावा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर वादा-खिलाफी का आरोप लगाया था। अलावा ने कहा था कि भाजपा सरकार को सत्ता से दूर करने के लिए हमने कड़ी मेहनत की है। हमें सरकार में भागीदारी दी जाना चाहिए। 

दरअसल, जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन प्रमुख और मनावर से कांग्रेस के विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा है| जिसमे उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पूर्व अपने वचन पत्र में संविधान की पांचवी अनुसूची को सख्ती से पालन कराने का वादा किया था, इसलिए निवेदन है कि संविधान की पांचवी अनुसूची के तहत कार्यवाही करें| उन्होंने मांग कि उन्हें मध्य प्रदेश जनजाति सलाहकार परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया जाए| इसके अलावा अनुसूचित क्षेत्र के तृतीय और चतुर्थ वर्ग की सभी सरकारी पदों पर स्थानीय आदिवासी वर्ग के व्यक्ति की नियुक्ति की जाए| 

अनुसूचित क्षेत्रों में ऐसे पदाधिकारियों, पुलिसकर्मियों,कर्मचारियों की पदस्थापना हो जो जनजाति एवं क्षेत्रीय भाषा, संपर्क भाषा की जानकारी रखता हो| इसके अलावा अनुसूचित क्षेत्र में सड़क निर्माण कंस्ट्रक्शन टोल टैक्स वसूली, पार्किंग, परिवहन, समेत सभी परियोजनाओं में होने वाले कंस्ट्रक्शन रखरखाव प्रबंधन का ठेका स्थानीय आदिवासी समुदाय के व्यक्ति या आदिवासी सहकारी समितियों को दिया जाए|  

मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किये जाने पर भी विधायक डॉ. हीरालाल अलावा की नाराजगी सामने आई थी| उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर वादा-खिलाफी का आरोप लगाया था| अलावा ने कहा था भाजपा सरकार को सत्ता से दूर करने के लिए हमने कड़ी मेहनत की है। हमें सरकार में भागीदारी दी जाना चाहिए। इसके बारे में राहुल गांधी से बात करूंगा, इसके बाद आगे क्या करना है इस पर फैसला लिया जाएगा। अलावा ने कहा था कि चुनाव से पहले कमलनाथ ने उनसे सरकार बनने पर मंत्रिमंडल में शामिल करने का वादा किया था। उन्हें ये नहीं भूलना चाहिए की प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में आदिवासियों ने कितना योगदान दिया है।

जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन ने लोकसभा चुनाव के लिए भी ताल ठोक दी है| संगठन ने ऐलान किया है कि छह लोकसभा सीटों पर जो सहयोग करेगा, उसका साथ देंगे| पिछले दिनों जयस की महापंचायत हुई थी| जिसमे राष्ट्रीय संरक्षक और मनावर विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने ताल ठोकते हुए कहा था कि जयस एक विचारधारा है, जो भी दल इसे समर्थन करते हुए छह लोकसभा सीटों पर हमें सहयोग करेगा, हम उसका साथ देंगे। जयस लोकसभा में नई रणनीति के साथ मैदान में उतरना चाहता है। आपके सहयोग से जयस ने मध्यप्रदेश विधानसभा में जल, जंगल व जमीन को बचाने के लिए जय आदिवासी नारे के साथ प्रवेश किया है। चाहते हैं कि इसी प्रकार संसद में भी प्रवेश करेंगे। जयस की राजनीतिक राजधानी कुक्षी है और इस मंच से मैं यह ऐलान कर रहा हूं कि हम एकजुटता के साथ एक विचारधारा से आगे बढ़े तो जयस अकेले दम पर 2023 में आदिवासी मुख्यमंत्री बना सकता है।

इससे पहले जयस संगठन के राष्ट्रीय संरक्षक हीरालाल अलावा भील प्रदेश की मांग कर चुके हैं| उन्होंने ट्वीट करके युवाओं से कहा था कि वे मिलकर मप्र में एक अलग भील प्रदेश बनाएं। यह समय की मांग है। पिछली 70 साल की सरकारों ने कुछ नहीं किया।  हीरा अलावा मानते हैं कि प्रदेश में २२ फीसदी आदिवासी हैं और राजनीतिक दलों ने उनको वोट बैंक ही समझा है, उनके अधिकारों और विकास के लिए काम नहीं किया गया और उनकी अनदेखी की गई। अलावा ने कहा कि इसीलिए हमने जयस संगठन बनाया ताकि आदिवासियों को उनका अधिकार दिलाया जा सके। और अब अलग भील प्रदेश की मांग की जा रही है।

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