कांग्रेस को कितना फलेगा हार्दिक का साथ
अहमदाबाद
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए मंगलवार बड़ा दिन है, क्योंकि पार्टी 58 साल बाद गुजरात में वर्किंग कमेटी की बैठक कर रही है। इस मौके पर पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता रहे हार्दिक पटेल कांग्रेस में शामिल होंगे। पार्टी उन्हें लोकसभा टिकट देने का मन भी बना चुकी है। हालांकि उनका चुनाव लड़ना या न लड़ना हाईकोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा, जहां उनकी यह याचिका लंबित है कि देशद्रोह का केस खत्म कर दिया जाए। केस खत्म नहीं हुआ तो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
सवाल उठता है कि जब 4 दिन में कांग्रेस के 4 विधायक भाजपा में शामिल हो चुके हैं, तब हार्दिक पटेल के कांग्रेस का दामन थामने के क्या मायने हैं? इससे कांग्रेस को कितना फायदा होगा? पढ़िए इसी बारे में –
– अगस्त 2015 से पहले देश में हार्दिक पटेल को कोई नहीं जानता था। इसके बाद उन्होंने पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग करते हुए आंदोलन खड़ा किया। जो भीड़ हार्दिक के पीछे खड़ी नजर आई, उसने बड़े-बड़ों को चौंका दिया।
– यहीं से भाजपा बनाम हार्दिक के किस्सा शुरू हुआ। गुजरात सरकार ने हार्दिक के खिलाफ कार्रवाई की। देशद्रोह का केस चला। जेल भी जाना पड़ा। इसके बाद गुजरात विधानसभा चुनाव का वक्त आ गया और हार्दिक की राजनीतिक इच्छा जाग गई। तब केस चलने के कारण चुनाव नहीं लड़ सके।
– भाजपा के खिलाफ बोलते-बोलते हार्दिक कांग्रेस के करीब चले गए। विधासनभा चुनावों के दौरान उन्होंने भाजपा के खिलाफ प्रचार किया, जिसका फायदा कांग्रेस को मिला। 182 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा 99 पर सिमट गई। नतीजों के बाद कहा गया कि हार्दिक ने परोक्ष रूप से कांग्रेस की मदद की और यही कारण है कि उसके कुछ पाटीदार नेता विजयी हुए।
– हार्दिक के कांग्रेस में शामिल होने के बाद भी पाटीदार समाज कांग्रेस को वोट करेगा इसमें जानकारों को संदेह है। कारण – पाटीदारों को माधव सिंह सोलंकी के समय से कांग्रेस पसंद नहीं है। आरोप है कि सोलंकी के मुख्यमंत्री रहते पाटीदारों की बहुत उपेक्षा हुई। अब उनके बेटे भरत सोलंकी कांग्रेस अध्यक्ष हैं। इसलिए पाटीदार अब भी उस उपेक्षा को भूले नहीं हैं।
– विधानसभा चुनाव के समय हार्दिक कांग्रेस में नहीं थे, इसलिए उन्हें पाटीदारों का समर्थन मिला। अब कांग्रेस में शामिल होने के बाद उनके लिए अपनी सीट बचाना (अगर हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद चुनाव लड़ते हैं तो) भी मुश्किल हो सकता है।
– कुल मिलाकर हार्दिक अपनी राजनीति पारी की शुरुआत करना चाहते हैं, लेकिन उनके सामने खुद की खड़ी की हुई मुश्किलें भी खूब हैं। ऐसे में वे खुद को बचाएंगे या कांग्रेस का फायदा करवा पाएंगे, इसमें जानकारों को संदेह है।