कांग्रेसी मुख्यमंत्री भी राहुल को राजी नहीं कर सके, अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े

 नई दिल्ली
 
लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से अपने पद से इस्तीफे की पेशकश के बाद उन्हें मनाने की कोशिश जारी हैं। राहुल गांधी के समर्थन में पार्टी नेताओं के इस्तीफों के दौर के बीच कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की है। सभी मुख्यमंत्रियों ने राहुल गांधी से उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहने का आग्रह किया है। पर राहुल अपने फैसले पर अड़े हुए हैं।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि हमने राहुल गांधी से आग्रह किया कि वह अध्यक्ष पद पर बने रहें। उन्होंने हमें धैर्यपूर्वक सुना। हम आशा करते हैं कि वह हमारे आग्रह को स्वीकार करेंगे। पर अभी तक राहुल गांधी ने अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के संकेत नहीं दिए हैं। मुलाकात से पहले अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा था कि 2019 के चुनाव में हार की जिम्मेदारी हम सभी की है। इस ट्वीट के कुछ देर बाद ही राहुल गांधी ने संसद भवन परिसर में साफ करते हुए कहा कि वह अपना फैसला स्पष्ट कर चुके हैं।
 
दो घंटे की मुलाकात :
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से करीब दो घंटे की मुलाकात के बाद अशोक गहलोत ने कहा कि हमने उन्हें पार्टी कार्यकर्ताओं की भावना से अवगत कराया है। मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों पर भी चर्चा हुई है। हमने कहा है कि चुनाव में हार जीत होती रहती है। उन्होंने कहा कि हमने दिल से अपनी बात कही है और उम्मीद करते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष हमारी बातों पर गंभीरता से विचार करेंगे।

राहुल गांधी के पास अधिकार :
मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में अशोक गहलोत ने कहा कि हार के बाद मुख्यमंत्री की तरफ से खुद पेशकश हो जाती है। इसके बाद कांग्रेस कार्यसमिति पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को अमूलचूल परिवर्तन के लिए अधिकृत कर चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष जिसे चाहे उसे पार्टी शासित राज्यों में मुख्यमंत्री नियुक्त कर सकते हैं। चुनाव में हारे के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी।

कांग्रेस की विचारधारा की हार नहीं :
गहलोत ने कहा, 2019 के चुनाव का नतीजा कांग्रेस के कार्यक्रम, नीति और विचारधारा की हार नहीं थी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई मोर्चो पर मोदी सरकार की विफलता के बावजूद भाजपा सरकारी मशीनरी की मदद से उग्रवाद राष्ट्रवाद के पीछे अपनी विफलता को छिपा ले गई। गहलोत ने कहा, कांग्रेस अध्यक्ष ने इस चुनाव को मुद्दा आधारित बनाए रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया।

इस्तीफा नामंजूर :
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद 25 मई को हुई पार्टी कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि कार्य समिति के सदस्यों ने उनकी पेशकश को खारिज करते हुए उन्हें आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया था। इसके बाद से राहुल लगातार इस्तीफे की पेशकश पर अड़े हुए हैं। 

कौन-कौन मुख्यमंत्री मौजूद :
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी शामिल थे।

सीडब्लूसी की बैठक जल्द :
राहुल गांधी को सामूहिक रुप से मनाने की कोशिशों के तहत पार्टी की जल्द कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हो सकती है। इस बैठक में राहुल गांधी के समर्थन सभी पदाधिकारी अपने पद से इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं। ताकि, राहुल गांधी नए सिरे से संगठन का पुर्नगठन कर सके। इसके साथ पार्टी संगठन से जुड़ा रोजमर्रा का कामकाज निपटाने के लिए समिति का भी गठन कर सकती है।

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