कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी एल्मा ने एमसीएमसी की बतायी बारीकियां

नारायणपुर
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 17 वीं लोकसभा निर्वाचन की घोषणा के बाद से ही छत्तीसगढ़ के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र 10 बस्तर अजजा में जिला नारायणपुर में जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति (एमसीएमसी) का गठन कर दिया गया हैै। क्रीत समाचार अर्थात पेड न्यूज पर नजर रखने के लिए जिला जनसंपर्क कार्यालय में मीडिया सेंटर की स्थापना की गई है। सेंटर में प्रिन्ट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया और सोशल मीडिया मेनेजमेंट पर नजर रखने हेतु कर्मचारियों की डयूटी लगायी गयी है। जो पालियों में अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे है। कलेक्टर ने कहा की एमसीएमसी द्वारा प्रिन्ट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया के अलावा सोशल मीडिया की निगरानी प्रमुखता से की जाना चाहिए।

उन्होंने बताया कि मीडिया निगरानी का ही महत्वपूर्ण भाग है क्रीत समाचार अर्थात पेड न्यूज। प्रिन्ट मीडिया में किसी विज्ञापन के पूर्व-प्रमाणन की आावश्यकता नहीं होती, फिर भी किसी विज्ञापन का खर्च संबंधित प्रत्याशी अथवा दल के निर्वाचन के खर्च में जोड़ा जाना होता है, इससे बचने के लिए समाचारों की आड़ ली जा सकती है। ऐसे क्रीत समाचार अर्थात पेड न्यूज पर सतर्क निगरानी रखी जाना चाहिए।

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री पी.एस. एल्मा ने विगत मंगलवार को विभिन्न निर्वाचन समितियों के साथ ही मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति (एमसीएमसी) के अधिकारियों-कर्मचारियों और मीडिया सेन्टर से जुड़े कर्मचारियों की बैठक लेकर जरूरी समझाईश दी। श्री एल्मा ने मीडिया प्रमाणन का मतलब समझाते हुए बताया कि सार्वजनिक मीडिया में प्रकाशित/प्रसारित होने वाले सभी राजनीतिक विज्ञापन की जांच के बाद प्रकाशन/प्रसार की अनुमति देना मीडिया प्रमाणन है। उन्होंने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल/समूह अथवा प्रत्याशी अनिवार्यतः सार्वजनिकी मीडिया में कोई विज्ञापन देने से पहले इस हेतु निर्धारित समिति में उसकी अनुमति लेगा। इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अमृत विकास तोपने समेत निर्वाचन कार्यां से जुड़े अधिकारी डिप्टी कलेक्टर सर्वश्री जी.एस. नाग, एस.एन. बाजपेयी, दिनेश कुमार नाग, विभिन्न  निर्वाचन समितियों के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।

उन्होंने बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों अनुसार केबल टी.व्ही या किसी टी.व्ही चैनल पर कोई भी राजनीतिक विज्ञापन भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इस उद्देश्य से बनायी गयी समिति द्वारा प्रमाणित करने के बाद ही दिखाये जा सकें। माननीय न्यायालय के निर्देशों एवं समय-समय पर निर्वाचन आयेाग द्वारा जारी निर्देशों के बाद निम्न पर राजनीतिक विज्ञापन के लिए प्रमाणन आवश्यक होगा- टी.व्ही चैनल, केबल टी.व्ही., चैनल, रेडियो (निजी एफएम रेडियो सहित) सिनेमा घर, ई-समाचार पत्र, सार्वजनिक स्थलों पर दृश्य-श्रव्य माध्यम और सोशल मीडिया- वेब पेज। कलेक्टर ने बताया कि मीडिया प्रमाणन का मूल आधार मुख्यतः आदर्श आचार संहिता के पालन से ही जुड़ा है।

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