कर्नाटक: सरकार बचाने के लिए टोटका? विधानसभा में भाई के नींबू लाने पर कुमारस्वामी की सफाई

बेंगलुरु
कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस दोनों पार्टियां अपनी गठबंधन सरकार को बचाने की हर मुमकिन कोशिश कर रही हैं। बीजेपी के दबाव और गवर्नर के आदेश के बाद भी शुक्रवार दोपहर डेढ़ बजे तक बहुमत परीक्षण नहीं कराया गया। कुमारस्वामी का मुख्यमंत्री पद खतरे में देख उनके भाई ने टोटका भी आजमाया है। बीजेपी का आरोप है कि टोटके के लिए सीएम के भाई और सूबे में मंत्री एचडी रेवन्ना शुक्रवार को सदन में नींबू लेकर आए। हालांकि कुमारस्वामी ने कहा है कि ऐसा कुछ नहीं है। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले रेवन्ना नंगे पांव सदन में पहुंचे थे। तब भी इसे अनुष्ठान या टोटका जैसा बताया गया था। बताते हैं कि रेवन्ना मुसीबत के समय अपने हाथ में नींबू लिए रहते हैं। उनका मानना है कि इससे मुसीबत टल जाती है।

वैसे, सत्ता पाने के लिए प्रार्थना, पूजा-पाठ का दौर बीजेपी में भी जारी हैं। बीजेपी सांसद शोभा करंदलजे येदियुरप्पा के सीएम बनने के लिए अनुष्ठान कर रही हैं।मैसूर स्थित श्री चामुंडेश्वरी देवी मंदिर में वह 1001 सीढ़ियां चढ़कर पहुंचीं। उन्होंने समर्थकों के साथ मंदिर में प्रार्थना की कि येदियुरप्पा कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री बनें।

उधर, टोटके के आरोपों पर सफाई देते हुए कुमारस्वामी ने बीजेपी पर हमला बोला। CM ने कहा कि आप एक तरफ हिंदू संस्कृति पर विश्वास करते हैं और दूसरी तरफ काला जादू का आरोप लगाते हैं। इस दौरान कुमारस्वामी ने बीजेपी से यह भी पूछा कि क्या काले जादू से सरकार बचाना संभव है? दरअसल, सूबे के राज्यपाल ने शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे तक एचडी कुमारस्वामी को बहुमत साबित करने की प्रक्रिया को पूरा कर लेने का निर्देश दिया था। शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद से ही हंगामेदार रही। माना जा रहा है कि बहुमत परीक्षण सोमवार तक के लिए टल सकता है।

कुमारस्वामी ने लगाया यह आरोप
राज्यपाल ने कहा था कि दोपहर तक बहुमत साबित करने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए पर शुक्रवार को सदन में सीएम ने साफ कहा कि राज्यपाल के निर्देश के अनुसार दोपहर 1.30 बजे तक ट्रस्ट वोट को पूरा नहीं किया जा सकता है। इस दौरान कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि पहले दिन से ही एक माहौल बनाया गया कि यह सरकार गिर जाएगी और यह अस्थिर है।

बीजेपी से कुमारस्वामी बोले, आइए चर्चा करते हैं
कुमारस्वामी ने कहा, '14 महीने (सत्ता में) के बाद हम अंतिम चरण में आ गए हैं।' कुमारस्वामी ने बीजेपी से कहा, 'आइए चर्चा करते हैं। आप अभी भी सरकार बना सकते हैं। कोई जल्दबाजी नहीं है। आप इस काम को सोमवार या मंगलवार को भी कर सकते हैं। मैं सत्ता का दुरुपयोग नहीं करने जा रहा हूं।' कुमारस्वामी ने दावा किया कि वह अपनी सरकार को बचाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग नहीं करेंगे। विधानसभा में पेश किए गए विश्वास प्रस्ताव को लेकर उन्होंने यह बात की।

'मुझे पता है यह लंबे समय तक नहीं रहेगा'
कुमारस्वामी ने आगे कहा, 'जिस दिन से मैं सत्ता में आया हूं, मुझे पता है कि यह लंबे समय तक नहीं रहेगा। आप (बीजेपी) कब तक सत्ता में बैठेंगे, मैं भी यहां देखूंगा कि आपकी सरकार उन लोगों के साथ कितनी स्थिर होगी जो अभी आपकी मदद कर रहे हैं। उन्होंने बीजेपी से यह भी पूछा कि अगर वह अपनी संख्या को लेकर इतने ही आश्चस्त हैं तो एक दिन में ही विश्वास मत पर बहस को खत्म करने की जल्दी में क्यों है?

विधायकों को 40-50 करोड़ की पेशकश का आरोप
मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर दलबदल विरोधी कानून को दरकिनार करने के तरीकों का सहारा लेने का भी आरोप लगाया। राज्य की विपक्षी पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि विधायकों को लुभाने के लिए 40-50 करोड़ रुपये की पेशकश की गई और इसके साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि यह पैसा किसका है। इस बीच, जेडीएस विधायक श्रीनिवास गौड़ ने आरोप लगाया कि सरकार को गिराने के लिए उन्हें बीजेपी ने पांच करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी।

'मैं पक्षपात नहीं कर रहा हूं'
उन टिप्पणियों पर नाराजगी जताते हुए कि वह विश्वासमत में देरी करने की कोशिश कर रहे हैं, कुमार ने कहा, 'मैं पक्षपात नहीं कर रहा हूं।' ऐसी चर्चा और अप्रत्यक्ष टिप्पणियां की गईं कि वह प्रक्रिया (विश्वास मत पर मतदान) में देरी कर रहे हैं।

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