कमलनाथ को लपेटने की तैयारी में शिवराज?
भोपाल
सत्ता में आते ही एमपी की सियासत में बदला लेने की राजनीति शुरू हो जाती है। कमलनाथ की सरकार भी शिवराज सरकार की फाइलें खोल रही थीं। टारगेट पर बीजेपी के बड़े नेता थे। सत्ता में वापसी के बाद शिवराज ने भी कमलनाथ सरकार के आखिरी 6 महीने में लिए गए फैसलों की जांच करवा रही है। जांच मंत्रियों की समूह कर रही है। अब तक मंत्रालय में मंत्री समूह की 2 बैठकें हो चुकी हैं।
सोमवार को मंत्री समूह की बैठक में पूर्व सीएम कमलनाथ के गृह जिले में छिंदवाड़ा में हुए 12 हजार करोड़ के कार्यों की फाइलें सरकार ने तलब की है। बैठक में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और कृषि मंत्री कमल पटेल मौजूद थे। कमलनाथ ने अपने कार्यकाल के दौरान छिंदवाड़ा में कई विकास कार्यों की शुरुआत की थी।
किसान कर्ज माफी की भी होगी जांच
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने किसान कर्ज माफी को लेकर भी तत्कालीन सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने साफ कह दिया है कि किसानों की कर्ज माफी की जांच होगी। बैठक में पूर्व सीएम के हस्ताक्षर युक्त किसान कर्जमाफी के कोरे प्रमाण पत्र रखे हुए थे। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि किसान कर्ज माफी सदी का सबसे बड़ा घोटाला है। किसान के खातों में पैसा नहीं पहुंचा ही नहीं है। कहीं भी किसानों का 2 लाख कर्ज माफ नहीं हुआ है, जो प्रमाण पत्र दिए हैं, वह फर्जी हैं। हम इसकी तह तक जाएंगे।
हम जांच के लिए तैयार
वहीं, बीजेपी ने इन जांचों के जरिए सीधे पूर्व सीएम कमलनाथ को लपेटने की तैयारी में हैं। कांग्रेस ने कहा है कि हम हर तरह की जांच के लिए तैयार हैं। प्रदेश के किसानों को पता है कि उनका कर्जा माफ हुआ है। शिवराज सरकार अपनी विफलता छिपाने के लिए यह सब कुछ कर रही है।
कमलनाथ ने भी करवाई थी जांच
सत्ता में आने के बाद कमलनाथ की सरकार ने भी बीजेपी के बड़े नेताओं के खिलाफ जांच शुरू करवाई थी। नर्मदा किनारे पौधा रोपण कार्यक्रम को लेकर जांच शुरू करवाई थी, जिसके जरिए शिवराज सिंह चौहान को तत्कालीन सरकार ने टारगेट किया था। वहीं, ई टेंडर घोटाले में वर्तमान गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ ईओडब्ल्यू की जांच चल रही थी। पेंशन घोटाले मामले में कैलाश विजयवर्गीय रडार पर थे। अब वहीं कार्रवाई बीजेपी ने शुरू की है।