कई TDP नेता नजरबंद, चंद्रबाबू बोले- सरकार का रवैया अलोकतांत्रिक

अमरावती 
तेलुगु देशम पार्टी के मुखिया एन चंद्रबाबू नायडू ने पार्टी के सांसद केसिनेनी श्रीनिवास और विधायक बुद्धा वेंकन्ना की विजयवाड़ा में नजरबंदी पर कहा है कि आंध्र प्रदेश की वाईएसआरसीपी सरकार को अपने तानाशाही और दमनकारी रवैये के लिए भुगतना होगा. टीडीपी नेताओं की हिरासत को उन्होंने अलोकतांत्रिक बताया है.

टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने नेताओं की नजरबंदी को न केवल एकपक्षीय कार्रवाई बताया, बल्कि इस कार्रवाई को उन्होंने अंसवैधानिक भी बताया. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि यह अलोकतांत्रिक है कि किसी जनप्रतिनिधि को नजरबंद रखा जाए. अमरावती परिक्षण समिति के संयुक्त एक्शन समिति में शामिल होने जा रहे नेताओं को रोक दिया गया. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि वाईएसआरसीपी सरकार 29 गावों के लोगों में तनाव पैदा कर रही है. हजारों लोगों को गांवों में तैनात किया गया है, पुलिस राज कायम कर दिया गया है. उन्होंने बीते 5 साल से चल रही राजधानी को विवादित बना दिया है.

'विनाशकारी तरीकों से लिया जा रहा राजनीतिक लाभ'

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वे विनाशकारी नीतियों के जरिए राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं. अभिव्यक्ति की आजादी दबाई जा रही है. इस गैर लोकतांत्रिक रवैये को लेकर जगन रेड्डी सरकार को अंजाम भुगतना होगा. दरअसल गुरुवार सुबह विजयवाड़ा पुलिस ने टीडीपी सांसद केसिनेनी श्रीनिवास और विधायक बुद्धा वेंकन्ना को घर में ही नजरबंद कर दिया. पुलिस ने इन नेताओं को राजधानी परिक्षण समिति की अगुवाई में होने वाले धरना प्रदर्शन में भाग लेने से रोक दिया.

क्या है मामला?

दरअसल राज्य की राजधानी के रूप में अमरावती के विकास के लिए अपनी जमीनें देने वाले किसानों और अन्य ग्रामीणों सहित 29 गांवों के लोग सड़कों पर उतरे थे. वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सरकार से विशाखापत्तनम और कुरनूल को दो अन्य राज्य की राजधानियों के रूप में विकसित करने के प्रस्ताव को लोग रद्द करने की मांग कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि सिर्फ अमरावती को ही राजधानी के तौर पर विकसित किया जाए. दरअसल किसी अनचाही घटना से बचने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं. वहीं कुछ क्षेत्रों में प्रदर्शन में विपक्षी दल तेलुगु देशम पार्टी के नेता भी शामिल हुए. दरअसल अमरावती के लिए 33,000 एकड़ जमीन देने वाले किसानों को डर है कि राज्य की तीन राजधानियों के विकास से उनके हित प्रभावित होंगे. टीडीपी नेता किसानों के समर्थन में सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं.

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