एवरेस्ट पर तिरंगा फहरा चुकीं अरुणिमा सिन्हा अब पैरालंपिक में जीतना चाहती हैं मेडल

नई दिल्ली
विश्व की सात महाद्वीपों की चोटी पर तिरंगा फहराने वाले एकमात्र दिव्यांग पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा अब पैरा गेम्स में चमक बिखरने की ख्वाहिश जताई है। इस कड़ी में पदमश्री अवॉर्डी ने एथलेटिक्स के तहत डिस्कस थ्रो की विधिवत ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी है। अंतरराष्ट्रीय जैवलिन थ्रोअर सुमन देवी ने अरुणिमा सिन्हा को बेसिक ट्रेनिंग सिखाने का जिम्मा उठाया है।

लखनऊ साई सेंटर में तीन दिन पहले शुरू हुई ट्रेनिंग के बारे में अरुणिमा बताती हैं, पर्वतारोही के रूप में सालों तक मेहनत ने मेरे हौसले को और भी बढ़ा दिया है। मैं एथलेटिक्स में कुछ नया करना चाहती थी। इसलिए थ्रो के इवेंट में अपने दम पर छह माह पहले ट्रेनिंग शुरू की। इस दौरान कुछ प्रतियोगिताओं में पदक भी जीते। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैरा गेम्स में देश के लिए पदक जीतना चाहती हूं। इसके लिए मैंने डिस्कस थ्रो को चुना।

उन्होंने कहा काफी समय तक दौड़ भाग करने के बाद अंतरराष्ट्रीय जैवलिन थ्रोअर सुमन से मुलाकात हुई और मैंने उनसे ट्रेनिंग देने का आग्रह किया। उन्होंने मदद देने का आश्वासन दिया और हमने लखनऊ साई सेंटर में ट्रेनिंग शुरू कर दी। दो घंटे के सत्र के दौरान रनिंग, स्ट्रेचिंग और थ्रो कर रही हूं। उम्मीद है कि हमारी जोड़ी जरूर सफल होगी। उधर, सुमन देवी का कहना है कि अरुणिमा की इच्छा शक्ति का कोई जवाब नहीं। एक पैर के सहारे जो व्यक्ति एवरेस्ट की चोटी चढ़ गया है, उसके लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं। मैं अपनी ओर से अरुणिमा को बेहतर बनाने की हरसंभव कोशिश करूंगी, बाकी सब उनके प्रदर्शन पर निर्भर करता है कि वह खुद को किस स्तर पर ले जाती है।

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