एमसीआई और डीएमई को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, तीन दिन में जवाब तलब

भोपाल 
मेडिकल पीजी काउंसलिंग में एनआरआई सीटों से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव एवं जस्टिस एमआर शाह की खंडपीठ ने राज्य सरकार, एमसीआई और डीएमई को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा है। मामले पर अगली सुनवाई 13 मई को होगी। मप्र हाईकोर्ट ने चार मई को डीएमई को निर्देश देते हुए कहा थाकि एनआरआई की रिक्त रही सीटों पर नियमानुसार सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को प्रवेश दे सकते हैं। 

हाईकोर्ट के इस फैसले को निजी मेडिकल कॉलेज एसोसिएशन और कुछ एनआरआई छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। एसोसिएशन की ओर से अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण और सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अभी भी कुछ एनआरआई छात्र शेष हैं जो इस कोटे में प्रवेश लेना चाहते हैं। हाईकोर्ट के निर्देश से एनआरआई कोटे की बचीं सीटें सामान्य वर्ग में तब्दील कर दी जाएंगी, जिससे एनआरआई छात्रों का अधिकार छिन जाएगा। निजी मेडिकल कॉलेज एसोसिएशन की ओर से याचिका दायर कर कहा गया था कि सरकार एनआरआई कोटे की आरक्षित सीटों को सामान्य वर्ग में तब्दील कर रही है। 

याचिकाकर्ता एसोसिएशन की ओर से कोर्ट को बताया कि 15 प्रतिशत एनआरआई कोटा सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रत्येक निजी कॉलेजों को आवंटित किया गया है। उन्होंने दलील दी कि एनआरआई कोटा निजी मेडिकल कॉलेजों की आय का एक प्रमुख आय का स्रोत है, जिसे राज्य सरकार सीधे तौर पर समाप्त नहीं कर सकती। उन्होंने कहाकि काउंसलिंग के अंतिम चरण तक इस कोटे की सीटों की उपलब्धता मात्र एनआरआई कोटे के छात्रों के लिए सुनिश्चित की जाए। 

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