एमपी-राज्यसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने से पहले ही कांग्रेस ने मानी एक सीट पर हार!

भोपाल. मध्य प्रदेश में राज्यसभा चुनाव को लेकर स्थिति लगभग साफ है. मतदान हो चुका है, सभी विधायकों ने वोट डाल दिए हैं. परिणाम आने से पहले ही कांग्रेस नेताओं ने एक सीट पर जीत और एक पर हार मान ली. उन्होंने हार के लिए सिंधिया और उनके समर्थकों को जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया. एमपी में राज्यसभा की 3 सीटों पर चुनाव हुए हैं.

पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि हमने दोनों जीते हुए उम्मीदवार उतारे थे. बागी विधायकों के कारण ऐसी स्थिति बनी. लेकिन उप चुनाव में हमारी जीत होगी. वहीं कांग्रेस विधायक और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने कहा कि हम एक सीट जीत चुके हैं. दूसरी सीट जीतने की उम्मीद बरकरार है. बीजेपी के दलित विरोधी आरोप पर कांतिलाल भूरिया ने कहा कि बीजेपी को अगर दलितों की इतनी ही चिंता है तो बरैया को वोट क्यों नहीं किया. उप चुनाव की तैयारी को लेकर कांतिलाल भूरिया ने कहा कि हमारी तैयारी पूरी है और हम 20 सीटें जीतेंगे.

क्रॉस वोटिंग न होने का दावा
पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि बीजेपी को आदिवासियों की इतनी चिंता है तो शिवराज सिंह इस्तीफा देकर किसी आदिवासी को मुख्यमंत्री बना दें. उन्होंने कहा कि शाम को परिणाम आने पर हम दोनों सीटें जीतेंगे. कमलनाथ के निवास से विधायकों को अलग-अलग रवाना करने पर जयवर्धन ने कहा कि विधानसभा वार विधायकों को रवाना किया गया था. राज्यसभा के दोनों प्रत्याशियों के नाम राज्य सरकार रहते ही तय हो गए थे. क्रॉस वोटिंग को लेकर जयवर्धन सिंह ने कहा कि कांग्रेस में बिल्कुल क्रॉस वोटिंग नहीं होती है. विधायक लक्ष्मण सिंह और उमंग सिंघार की नाराजगी पर  जयवर्धन सिंह ने कहा कि दोनों सदस्य बैठकों में शामिल हुए थे. दोनों 1000% हमारे साथ हैं. उपचुनाव पर जयवर्धन सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश की जनता बागी विधायकों का साथ नहीं देगी. 15 साल बनाम 15 महीने कांग्रेस का एजेंडा होगा.

 

दोनों सीटों के लिए कोशिश की
कांग्रेस विधायक और पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कांवरे ने कहा कि राज्यसभा की दूसरी सीट जीतने की हमारी पूरी कोशिश रही. उन्होंने भी दलित विरोधी आरोप पर बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी को अगर दलित नेताओं की इतनी फिक्र है तो फूल सिंह बरैया को वोट करते. उपचुनाव पर हिना कांवरे ने कहा 24 सीटों में से सभी 24 सीटें कांग्रेस जीतेगी. 15 महीने में किए गए काम और बागी विधायकों की बगावत को जनता के बीच लेकर जाएंगे.

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