एनआरसी पर अपने कदम पीछे खींच सकती है केंद्र सरकार

 नई दिल्ली 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिल्ली की रैली में टिप्पणी के बाद संभावना जताई जा रही है कि सरकार एनआरसी को ठंडे बस्ते में डाल सकती है। विवादास्पद मुद्दे के खिलाफ हो रहे व्यापक प्रदर्शन से सरकार अपने कदम पीछे खींच सकती है।

पीएम मोदी ने रविवार (22 दिसंबर) को दिल्ली में एक रैली में कहा था एनआरसी और संशोधित नागरिकता कानून अलग-अलग मामले हैं। हमारी सरकार ने एनआरसी पर चर्चा नहीं की है। प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जोर देकर कहा है कि एनआरसी पूरे देश में लागू किया जाएगा।
 
पार्टी के कुछ नेताओं ने स्वीकार किया कि नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन से वे चकित हैं व एनआरसी को लेकर समुदाय के एक हिस्से में, खासतौर पर मुस्लिमों की आशंकाओं ने भावनाएं भड़काई हैं।

प्रधानमंत्री ने एनआरसी और नागरिकता कानून को अलग-अलग मुद्दा बता कर स्थिति को शांत कराने का प्रयास किया है। प्रधानमंत्री ने कहा उनकी सरकार ने अभी तक इस तरह की प्रक्रिया के बारे में नहीं सोचा है।

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