उज्जैन: वो तोड़ते रहे ICU का ताला, एंबुलेंस में तड़पती रही महिला, टूट गई सांसों की डोर
भोपाल
दुनिया कोरोनावायरस से खौफजदा है। हजारों जानें ले चुके इस वायरस से बचने की तमाम कोशिशें की जा रही हैं। देश में लॉकडाउन है। संदिग्ध मरीजों को फौरन अस्पताल को सूचना देने के निर्देश हैं। मध्य प्रदेश में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज इंदौर में हैं मगर उज्जैन से भी सात पॉजिटिव केस सामने आए हैं। ऐसे में प्रशासन को पूरी तरह चौकन्ना रहना चाहिए कि इंदौर जैसे हालात उनके जिले में ना हों। मगर व्यवस्थाओं की पोल खुल गई। सरकारी अस्पताल में वेंटिलेटर नहीं मिला तो यहां की एक बुजुर्ग महिला को निजी अस्पताल ले जाया गया। इन्टेंसिव केयर यूनिट (ICU) में एडमिट नहीं किया जा सका क्योंकि उसके दरवाजे पर ताला पड़ा था। चाबी किसी स्टाफ के पास नहीं थी। इस दौरान महिला की हालत खराब होती चली गई। ताला तोड़ा गया। डॉक्टरों ने कोशिश की, मगर महिला की जान नहीं बचा सके।
सरकारी अस्पताल ने लिया कोरोना वायरस का सैंपल
दानीगेट में रहने वाली एक 55 वर्षीय महिला को गुरुवार देर रात जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी और हाई ब्लड प्रेशयर था। हालत बिगड़ती देख डॉक्टर्स ने कोरोना वायरस टेस्ट के सैंपल्स लेकर यहां से उन्हें माधवनगर अस्पताल शिफ्ट कर दिया। माधवनगर में COVID-19 के मरीजों को भर्ती किया जाता है। फिर यहां से उसे RD गार्गी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। एंबुलेंस अस्पताल पहुंची तो ICU का ताला बंद था। इधर बुजुर्ग महिला तड़पती रही, उसे मदद ना मिल सकी। किसी तरह ताला तोड़ा गया जब जाकर उसे भर्ती किया गया। मगर तब तक देर हो चुकी थी। महिला बच नहीं सकी।
देश में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग की तैयारियां युद्ध स्तर पर की जा रही हैं। मरीजों के बढ़ते आंकड़े के देखते हुए सरकार भविष्य के लिए हर तैयारी कर रही है। अगर अस्पतालों में जगह कम पड़ती है तो मरीजों को रखने के लिए रेलवे के कोच आइसोलेशन वॉर्ड के रूप में इस्तेमाल किए जाएंगे। देखिए ये विडियो रिपोर्ट।
सरकारी अस्पताल के दो डॉक्टर सस्पेंड
माधवनगर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ आर पी परमार और इंचार्ज डॉ महेश मरमाट को हटा दिया गया है। दोनों डॉक्टरों पर इस महिला और एक अन्य महिला को वेंटिलेटर न देने का आरोप हैं। बाद में दूसरी महिला की भी मौत हो गई है। अभी तक महिला के सैंपल का रिजल्ट नहीं आया है। घटना पर उज्जैन के चीफ मेडिकल ऑफिसर अनुसूया गवली ने कहा, "वह महिला हाइपरटेंशन, डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित थी। उसे मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। हमारे स्पेशलिस्ट ने COVID-19 के सैंपल्स लिए मगर उसकी हालत बिगड़ती गई और उसकी मौत हो गई। हम मामले में जांच कर रहे हैं।"
एमपी में कोरोना के 179 मरीज
मध्य प्रदेश कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से है। तीन IAS अधिकारियों समेत यहां पर 179 मरीज हो गए हैं। सबसे ज्यादा केसेज इंदौर से हैं जहां 128 लोग COVID-19 पॉजिटिव मिले। प्रदेश में अबतक इस महामारी ने 11 लोगों की जान ली है। मरने वाले लोगों में इंदौर के सात, उज्जैन के दो और खरगोन व छिंदवाड़ा के एक-एक मरीज शामिल हैं।
164 मरीजों की हालत स्थिर
इंदौर में 128 मरीजों के अलावा, भोपाल में 15, मुरैना में 12, जबलपुर में आठ, उज्जैन में सात, खरगोन में तीन, छिंदवाड़ा में दो तथा शिवपुरी और ग्वालियर में दो-दो कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। टोटल 179 में से 164 मरीजों की हालत स्थिर बताई गई है। भोपाल के पहले दो कोरोना पॉजिटिव मरीजों को स्वस्थ होने के बाद शुक्रवार रात को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।