ई-रिटेल पॉलिसी में बदलाव के बाद ऐमजॉन-वॉलमार्ट का मार्केट कैप 50 अरब डॉलर हुआ कम

मुंबई 
1 फरवरी से ई-कॉमर्स को लेकर नए नियमों के प्रभावी होने के बाद अमेरिकी कंपनी ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट में 77 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली वॉलमार्ट का मार्केट कैपिटलाइजेशन शुक्रवार को 50 अरब डॉलर (357 अरब रुपये) कम हो गया। दोनों ही कंपनियों ने भारतीय रिटेल सेक्टर में बड़ा दांव लगा रखा है।

नैसडैक पर लिस्टेड ऐमजॉन के शेयरों में 5.38 फीसदी की गिरावट आई और एक शेयर का मूल्य 1626.23 डॉलर तक आ गया। कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन में 45.22 अरब डॉलर की कमी आई। NYSE पर वॉलमार्ट के शेयर 2.06% फिसलकर 93.86 डॉलर पर आ गए और कंपनी के बाजार पूंजीकरण में 5.7 अरब डॉलर की कमी आई। 

शुक्रवार को अमेरिका में बाजार बंद होते समय ऐमजॉन की वैल्यू 795.18 अरब डॉलर थी तो वॉलमार्ट की कीमत 272.69 अरब डॉलर थी। ऐमजॉन के शेयरों में गिरावट की एक वजह गुरुवार को आए चौथी तिमाही के नतीजे भी बताए जा रहे हैं, जिसमें कंपनी के खर्च में वृद्धि की योजना का जिक्र है। इसका भारत से संबंध नहीं है। 

फ्लिपकार्ट ने जताई निराशा 
इस बीच फ्लिपकार्ट ने कहा कि वह ई-कॉमर्स कंपनियों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों में बदलाव के फैसले को सरकार के जल्दबाजी में लागू करने पर निराश है। फ्लिपकार्ट के प्रवक्ता ने कहा कि हालांकि वह नियमों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, भले ही इसके लिए उसे अपनी सप्लाई चेन और प्रोसेस में व्यापक बदलाव करने की जरूरत है। 

दिसंबर में हुई थी नए नियमों की घोषणा 
नए एफडीआई नियमों की घोषणा दिसंबर में की गई थी। ये नियम उन कंपनियों के अपना सामान ऑनलाइन बेचने की सीमा तय करते हैं जिनमें निवेश करनी वाली विदेशी कंपनी की हिस्सेदारी होती है। यह नए नियम 1 फरवरी से लागू हो गए हैं। 

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