इस युवक ने बनाया तैरता हुआ आइलैंड बनाया, इस चीजों का किया इस्तेमाल

अक्सर कहा जाता है कि कोई भी चीज बेकार नहीं होती है। अगर बेकार चीज को भी सही ढंग से काम में लिया जाए तो उससे खूबसूरत चीज बन जाती है। वैसे तो प्लास्टिक कचरा आज के समय में दुनिया की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। लगातार बढ़ता प्लास्टिक कचरा न सिर्फ जमीन पर बल्कि समुद्री जीवन के लिए भी बड़ा खतरा बन चुका है। 

विशेषज्ञों के अनुसार अब तक जितना प्लास्टिक बनाया गया है उसमें से मात्र 9 प्रतिशत ही रीसायकल किया गया है, शेष जमीन पर या फिर समुद्रों में फेंक दिया गया है। 

ऐसे में जहां इस खतरे से निबटने के लिए दुनिया भर के बुद्धिजीवी और वैज्ञानिक न सिर्फ आवाज उठा रहे हैं बल्कि उपाय भी निकालने में लगे हुए हैं वहीं एक आदमी ने इस समस्या से बड़े ही अनोखे तरीके से निपटने की कोशिश की है।

ये हैं रिचर्ट सोवा, जो एक आर्टिस्ट हैं और अपनी रचनात्मकता का उपयोग उन्होंने एक बड़ी खूबसूरत चीज बनाने में किया है। 

रिचर्ट का मानना है कि प्लास्टिक बोतलों का उपयोग निर्माण सामग्री के रूप में किया जाना चाहिए क्योंकि इनको डीकम्पोज होने में सैकड़ों साल लगते हैं जिस कारण इनसे निर्मित किए जाने वाले ढांचे भी लंबे समय तक खड़े रह सकते हैं।

उन्होंने करीब 1 लाख प्लास्टिक बोतलों का उपयोग करके एक खूबसूरत तैरता हुआ आइलैंड बनाया है जो इन दिनों सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा है। 

इस आइलैंड को देखकर कोई कह नहीं सकता कि यह आर्टिफीसियल है और इसे प्लास्टिक से बनाया गया है। रिचर्ट सोवा का ये तैरता हुआ आइलैंड एक मेक्सिकन आइलैंड मुजेरेस के पास स्थित है।

इसे बनाने के लिए उन्होंने प्लास्टिक बोतलों के अलावा कुछ प्लाईवुड और लकड़ी का उपयोग किया है। कचरे का आधार तैयार करने के बाद उस पर मिटटी की परत बिछाई है ताकि आइलैंड पर पेडपौधे उगाये जा सकें। 

रिचर्ट सोवा के इस आइलैंड की सबसे अच्छी बात ये है कि इसे किसी बोट से बांधकर एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है।

ये आइलैंड पूरी तरह से सुविधासंपन्न है रिचर्ट सोवा इस पर रहने के लिए घर हैं, पेड़ पौधे हैं, सौर ऊर्जा से बिजली बनती है, फल सब्जियां भी उगाई जाती हैं। 

बता दे, रिचर्ट सोवा इससे पहले भी 1998 में एक ऐसा ही आइलैंड बना चुके हैं लेकिन वह 2005 में आए एमिली तूफान में नष्ट हो गया था। 

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