इस ग्रीन जोन में 72 घंटे में मिले कोरोना के 4 नए मरीज, राज्य में 11 एक्टिव केस

रायपुर
छत्तीसगढ़ तीसरी बार कोरोना वायरस मुक्त राज्य होते-होते रह गया. पहला मौका तब था जब जमात से जुड़े लोगों में कोरोना संक्रमण नहीं फैला था. फिर दूसरा मौका तब आया जब प्रवासी श्रमिकों की कुछ संख्या ही पीड़ितों की सूची में जुड़ी. पांच दिन पहले छत्तीसगढ़ में एक्टिव मरीजों की संख्या महज 3 बची थी. फिर एक साथ कोरिया जिले में 1, जांजगीर जिले में 5, कुल 06 मरीज मिलने से एक्टिव मरीजों की संख्या 03 से बढ़कर 09 हो गई. फिर दो दिन पहले बालोद जिले में 01 पॉजिटिव मरीज की पुष्टि हुई और एक्टिव मरीज की संख्या दहाई तक पहुंची यानी कि कुल 10. और फिर शनिवार को बालोद से ही एक और नए मरीज की पुष्टि हुई जिसे मिलाकर एक्टिव मरीजों की संख्या 11 हो गई.

बीते शनिवार की देर शाम सूरजपुर जिले के 01 और दुर्ग जिले के 1 मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया और प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 11 से घटकर 09 हो गई, लेकिन रविवार को एक बार फिर बालोद जिले से ही 02 नए मरीजों की पुष्टि हुई जिसे मिलाकर प्रदेश में एक बार फिर एक्टिव मरीजों की संख्या 11 और कुल मरीजों की संख्या 69 तक पहुंच गई.

अप्रैल को केंद्र सरकार के द्वारा जारी कलर जोन में बालोद जिले को ग्रीन जोन में रखा गया था, तीन दिन पहले तक सब कुछ ठीक था, मगर मुंबई से लौटे 22 वर्षीय युवक को कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद ग्रीन जोन पर खतरा मंडराने लगा. मगर ऐसा नहीं था की यह संख्या केवल 1 तक ही सिमित रही शनिवार को बालोद से 1 और मरीज और रविवार को बालोद से ही 2 नए मरीजों की पुष्टि की गई. रविवार को जिन 02 मरीजों की पुष्टि हुई उनमें पहला केस राजहरा रैन बरेसा में बने क्वारेंटीन सेंटर और दूसरा केस चिखलाकसा क्षेत्र में मिले हैं. 72 घंटे में 04 पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद जिला प्रशासन ने दोनों ही क्षेत्र को सील कर दिया है. कॉंटेक्ट हिस्ट्री तलाश सभी की जांच की जा रही है.

छत्तीसगढ़ के साथ यह बड़ा इत्तेफाक रहा हैं कि जब-जब लॉकडॉउन की अ‌वधि समाप्त होने को रहती है तब-तब नए केस मिलने से राज्य की स्थिति जस की तस तक पहुंच जाती है, जब 21 दिनों का पहला लॉकडॉउन समाप्त होने को था, तब जमात से जुड़े लोगों में संक्रमण पाए जाने के बाद राज्य में कई दिशा-निर्देश जारी किए गए तो वहीं 03 मई को जब दूसरे लॉकडाउन की समाप्ति होने वाली थी तो छत्तीसगढ़ में प्रवासी मजदूरों में संक्रमण पाया गया, और अब तीसरी बार 17 मई को जब तीसरा लॉकडॉउन समाप्त हो रहा है तो एक बार नए मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, अब इसे महज इत्तेफाक कहें या फिर कुछ और मगर समझ से परे हैं कि लॉकडॉउन की समाप्ति के समय ही सूबे में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या क्यों बढ़ती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *