इलाहाबाद HC का बड़ा आदेश- बंद कमरे की घटना पर SC/ST एक्ट लागू नहीं

 
लखनऊ 

एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करने को लेकर मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक अहम आदेश दिया. हाई कोर्ट ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट तभी लागू होगा जब पब्लिक व्यू (जिस घटना को अन्य लोगों ने देखा हो) में घटना हुई हो. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि बंद कमरे में घटी घटना में एससी-एसटी एक्ट की धारा प्रभावी नहीं होगी.

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि बंद कमरे की बात कोई बाहरी व्यक्ति नहीं सुन पाता है. इसके चलते समाज में उस व्यक्ति की छवि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. इस स्थिति में एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला नहीं बनेगा. बता दें, सोनभद्र निवासी केपी ठाकुर ने याचिका दायर की थी, जिस पर अदालत ने अपना फैसला सुनाया. जस्टिस आरके गौतम की एकल पीठ ने यह अहम आदेश सुनाया.
 
बता दें, याचिकाकर्ता केपी ठाकुर ने विनोद कुमार तनय के खिलाफ जांच शुरू की थी. याचिका में कहा गया कि ठाकुर ने तनय को अपने चेम्बर में बुलाया और घटना को रिकॉर्ड कराने की बात कही. तनय अपने साथ एक सहयोगी एमपी तिवारी के ले गए थे. ठाकुर ने तिवारी को चेम्बर से बाहर जाने के लिए कहा. इसके बाद तनय ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष ठाकुर के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया. कोर्ट ने जब ठाकुर को समन किया तब उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया था. याचिका में कहा गया कि शिकायतकर्ता जांच में रुकावट डालने का आदी है. इस नीयत से उसने मारपीट, जान से मारने की धमकी और एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया.

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