इन लक्षणों से पता चलता है प्रॉस्टेट कैंसर, ऐसे करें बचाव

प्रॉस्टेट कैंसर सिर्फ पुरुषों को होता है। इसका कारण होता प्रॉस्टेट ग्रंथि, जो कि सिर्फ पुरुषों में होती है। प्रॉस्टेट कैंसर का खतरा उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता जाता है। प्रॉस्टेट ग्रंथि अखरोट के आकार की एक ऐसी ग्रंथि है जो पेशाब की नली के चारों ओर फैला होती है। इसका काम स्पर्म को न्युट्रिशन देना होता है। आमतौर पर प्रॉस्टेट ग्रंथि का वजन 18 ग्राम होता है, लेकिन इसका वजन 30 से 50 ग्राम होने पर प्रॉस्टेट कैंसर हो जाता है। अभी तक इसके बढ़ने का कोई निश्चित कारण का पता नहीं चला है। देखा गया है कि 40 साल की उम्र के बाद ग्लैंड का साइज बढ़ने लगता है। अगर शुरुआत में ही इन लक्षणों के बारे में पता चल जाए तो इससे बचा जा सकता है।

लक्षण
1. पेशाब करने में तकलीफ होना प्रॉस्टेट कैंसर की तरफ इशारा है। रात में कई बार पेशाब आना, अचानक पेशाब का फ्लो कम हो जाना, पेशाब होने के बाद पेशाब जैसा लगना प्रॉस्टेट कैंसर के लक्षण हैं। इसके अलावा पेशाब और मल के साथ खून भी निकल सकता है। प्रॉस्टेट ग्रंथि बढ़ने के कारण ये समस्याएं होती हैं।

2. यदि शरीर के किसी भाग की त्वचा में कुछ परिवर्तन नजर आए तो डॉक्टर से मिलना चाहिए। त्वचा में इस तरीके का बदलाव प्रॉस्टेट कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है। वहीं शरीर का कोई हिस्सा काला या सांवला पड़ने लगे तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए।

3. बिना काम किए यदि लगातार शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द हो रहा है तो प्रॉस्टेट कैंसर का लक्षण हो सकता है। वहीं, पीठ में यदि लगातार दर्द है तो इसे नजरअंदाज न करते हुए डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

4. लगातार वजन कम होना भी प्रॉस्टेट कैंसर का लक्षण है। यदि बिना कोई उपाय किए शरीर का वजन तेजी से कम होना भी कैंसर की ओर इशारा है। एक बात और ध्यान देना चाहिए कि जब पाचन क्रिया सही तरह से काम नहीं करे तो समझ लेना चाहिए कि आप प्रॉस्टेट कैंसर की चपेट में हैं। वहीं प्रॉस्टेट कैंसर से व्यक्ति के शरीर की बीमारी से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। जिसके बाद शरीर में बामारियों के बढ़ने की आशंका रहती है।

बढ़ रहे हैं मामले
पुरुषों में प्रॉस्टेट कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार प्रॉस्टेट कैंसर भारत समेत एशियाई मूल के पुरुषों में तेजी से बढ़ा है। ऐसे में प्रॉस्टेट कैंसर से बचाव की जानकारी लोगों को जरूर लेनी चाहिए।

शुरू में दवा से इलाज संभव
प्रॉस्टेट कैंसर के बारे में यदि शुरुआत में ही पता चल जाए तो दवा से इलाज संभव है, लेकिन अधिक समय हो जाने पर यूरिन पैसेज में कैथेटर के जरिए ट्यूब डालकर दो से चार दिन तक छोड़ दिया जाता है, धीरे-धीरे स्थिति नॉर्मल हो जाती है लेकिन अगर इससे भी आराम नहीं मिलता है तो सर्जरी करनी होती है।

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