इधर कुआं-उधर खाई: सिद्धारमैया का दर्द- व्हिप चले या SC ऑर्डर, संकट में सरकार

 
नई दिल्ली 

कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी की सरकार पर मंडरा रहे संकट के बादल कम होते नहीं दिख रहे हैं. गुरुवार को विश्वास मत पर विधानसभा में बहस शुरू हुई, लेकिन कांग्रेस और जेडीएस दोनों ही मतदान कराने से हिचकिचा रहे हैं. बहस के दौरान अपनी बात रखते वक्त सदन में कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू होता है या फिर हमारा व्हिप काम में आता है, तो दोनों ही तरफ से हमारी सरकार पर संकट बरकरार है.

दरअसल, जब सिद्धारमैया सदन में बोल रहे थे, तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश, विधानसभा स्पीकर की ताकतों के बारे में बताया. इसी बीच उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की तरफ से जो व्हिप जारी किया गया था और वो लागू होता है तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण विधायक सदन में आने के लिए बाध्य नहीं हैं. ऐसे में हमारी सरकार पर संकट बरकरार रहेगा.

बता दें कि अगर सदन में पार्टी का नेता कोई व्हिप जारी करता है तो सभी सदस्यों को उपस्थित रहना होता है, अनुपस्थित रहने की स्थिति में पार्टी नेता उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए स्पीकर से गुहार लगा सकता है.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके इस्तीफे या फिर अयोग्यता पर फैसला लेने का हक तो स्पीकर को दिया था, लेकिन विधायकों को विधानसभा में आने या ना आने की छूट दे दी. अब अगर विधायकों की गैरमौजूदगी में विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होती है, तो कुमारस्वामी की सरकार अल्पमत में आ सकती है.

गुरुवार को भी जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो करीब 19 विधायक नहीं पहुंचे. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी लगातार कांग्रेस-जेडीएस की सरकार पर बहस का जानबूझ कर बढ़ा वोटिंग टालने का आरोप लगा रही है. विश्वास मत प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस और जेडीएस ने अपनी तरफ से कुल 26 नाम स्पीकर को दिए हैं.

क्या कहते हैं कर्नाटक विधानसभा के आंकड़े

कर्नाटक विधानसभा (कुल नंबर 224)

बीजेपी 105

निर्दलीय 2

कांग्रेस 78 + 1 (स्पीकर)

जेडीएस 37

बसपा 1

मनोनीत 1

इस्तीफे या अयोग्यता के बाद

बीजेपी 105

निर्दलीय 2

जेडीएस 34

कांग्रेस 65

बसपा 1

मनोनीत 1

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