इक्‍वाडोर में लाशों से पटीं सड़कें, नहीं मिल रहे उठाने वाले

लैटिन अमेरिकी देश इक्‍वाडोर भी कोरोना वायरस की मार से पस्‍त हो गया है। इक्‍वाडोर के पश्चिमी शहर गुआयकिल में कोरोना के खौफ का आलम यह है कि सड़कें वीरान हो गई हैं। कोरोना की चपेट में आकर जान गंवाने वाले लोगों की लाशें सड़कों पर पड़ी हुई हैं लेकिन उठाने वाले नहीं मिल रहे हैं। कोरोना वायरस से इक्‍वाडोर में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का बुरा हाल हो गया है। आइए जानते हैं कैसे हैं कि इक्‍वाडोर में कैसे हैं हालात…

लाशों को रखने के लिए नहीं बची जगह
इक्‍वाडोर के सबसे ज्‍यादा आबादी वाले शहर गुआयकिल में जन सेवाएं बुरी तरह से कोरोना वायरस के मरीजों से दबी हुई हैं। अगर ऐसी ही हालत रही तो यह कभी भी ढह सकती हैं। अस्‍पतालों में बीमार मरीजों के लिए बेड नहीं है। मुर्दाघर, अंतिम संस्‍कार स्‍थल और कब्रिस्‍तान लाशों के ढेर से दबे हुए हैं। पूरे शहर में ऐसी कोई जगह नहीं बची है जहां पर लाशों को रखा जा सके।

मजबूरन घरों के सामने रख रहे लाशें
लाशों को रखने के लिए जगह नहीं होने की वजह से लोगों को अपने घरों के सामने लाशें रखनी पड़ रही हैं। अभी तक यह स्‍पष्‍ट नहीं है कि कितने लोग कोरोना वायरस से मारे गए हैं। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक घर के लोगों का कहना है कि मारे गए लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण थे लेकिन अस्‍पताल में जगह नहीं होने की वजह से वे अपने मरीज को वहां इलाज के ल‍िए नहीं ले जा सके।

5 द‍िन से पड़ी लाश, उठाने नहीं आ रहा कोई
गुआयकिल में रहने वाले फेरनांडो इस्‍पाना ने कहा, 'हम 5 द‍िन से इंतजार कर रहे हैं।' सरकार की ओर से कोई भी लाश को ले जाने के ल‍िए कोई नहीं आ रहा है। उन्‍होंने बताया कि हमने कई बार 911 पर फोन किया लेकिन कोई अभी तक नहीं आया है। अधिकारियों का कहना है कि अब तक 300 शव ऐसे घरों से उठाए जा चुके हैं। लोग सड़कों पर शव रख दे रहे हैं और कई-कई घंटे बाद उन्‍हें उठाया जा रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इक्‍वाडोर में कोरोना वायरस के संक्रमण के 3,646 मामले सामने आए हैं और 180 लोग मारे गए हैं।

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