इंदौर से पहले कोलकाता की तैयारी, विराट ने पहली बार गुलाबी गेंद से किया अभ्यास

इंदौर
यूं तो भारत और बांग्लादेश के बीच सीरीज का पहला टेस्ट इंदौर में गुरुवार से शुरू होना है। पर टीम इंडिया की निगाह कोलकाता में 22 से 26 नवंबर तक होने वाले अपने पहले दिन-रात्रि टेस्ट पर लगी हैं।

मंगलवार को यहां भारतीय टीम ने लाल गेंद से नियमित अभ्यास के अलावा शाम को दूधिया रोशनी में गुलाबी गेंद से थ्रो डाउन भी लिया। कप्तान विराट कोहली के लिए गुलाबी गेंद से अभ्यास का यह पहला मौका रहा। दोनों टीमें पहली बार दिन रात्रि टेस्ट मैच में खेलेंगी और एसजी की गुलाबी गेंद भी पहली बार आधिकारिक तौर पर उपयोग की जाएगी।

आमतौर पर तीन नेट पिच अभ्यास के लिए होती हैं जिसमें एक तेज गेंदबाजों के लिए, एक स्पिनरों के लिए और एक थ्रो-डाउन के लिए होता है। टीम प्रबंधन के आग्रह पर एक अतिरिक्त नेट लगाया गया जिसमें काले रंग की साइट स्क्रीन भी थी। सबसे पहले कप्तान विराट कोहली ने गुलाबी गेंद का सामना किया।

थ्रो डाउन विशेषज्ञ राघवेंद्र और श्रीलंका के नुवान सेनाविरत्ने ने पूरी गति से लहराती हुई गुलाबी गेंद फेंकी। विराट खेलते समय काफी सहज दिखे और रक्षात्मक शॉट खेलने में उन्होंने ज्यादा दिलचस्पी ली। कोहली के बाद चेतेश्वर पुजारा ने लाल और गुलाबी दोनों गेंदों से अभ्यास किया। रिजर्व ओपनर शुभमन गिल ने तो एक अतिरिक्त रूप से उछली गेंद पर पुल शॉट भी लगाया।  

भारतीय टीम के पास कोलकाता टेस्ट से पहले गुलाबी गेंद से अभ्यास के लिए केवल दो दिन हैं। इसी के मद्देनजर बीसीसीआई ने गुलाबी गेंद से दुधिया रोशनी के बीच बंगलूरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम में अपने टेस्ट विशेषज्ञों अजिंक्य रहाणे, मयंक अग्रवाल, चेतेश्वर पुजारा और मोहम्मद शमी के लिए राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) प्रमुख कोच राहुल द्रविड़ के मार्गदर्शन में अतिरिक्त अभ्यास सत्रों की व्यवस्था की है। यह खिलाड़ी बांग्लादेश के खिलाफ टी20 सीरीज में खेली भारतीय टीम में शामिल नहीं थे इसलिए इन्हें बंगलूरू में गुलाबी गेंद से अभ्यास करने का मौका दिया गया।

मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के करीब 27,000 दर्शकों की क्षमता वाले होलकर स्टेडियम में वर्ष 2006 से लेकर अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक टेस्ट मैच, एक टी-20 मुकाबला और पांच अंतरराष्ट्रीय एक दिवसीय मैच आयोजित किए गए हैं। सभी सात भिड़ंतों में भारत ने विपक्षी टीमों पर विजय हासिल की है।

भारत और बांग्लादेश के बीच 14 से 18 नवंबर के बीच खेला जाना वाला टेस्ट मैच होलकर स्टेडियम के इतिहास का दूसरा टेस्ट मुकाबला होगा। इस मैदान पर पहला टेस्ट मैच भारत और न्यूजीलैंड के बीच वर्ष 2016 में खेला गया था जिसमें मेजबान टीम ने मेहमान टीम को 321 रन से हराया था। बहरहाल, दो टेस्ट मैचों की सीरीज का बृहस्पतिवार से शुरू होने वाला पहला मुकाबला इसलिए भी खास होगा क्योंकि इसके जरिये बांग्लादेश की सीनियर राष्ट्रीय टीम एमपीसीए के इस स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के किसी भी प्रारूप में पहली बार दम-खम दिखाएगी।

पुजारा, हनुमा विहारी, मयंक अग्रवाल और रहाणे गुलाबी गेंद से दलीप ट्रॉफी मैच खेल चुके हैं जबकि मोहम्मद शमी और रिद्धिमान साहा बंगाल क्रिकेट संघ द्वारा ईडन गार्डन में गुलाबी गेंद से आयोजित मुकाबले में खेल चुके हैं। जहां तक बात बांग्लादेश की है उसने गुलाबी गेंद से एक प्रथम श्रेणी मैच खेला है।  

अजिंक्य रहाणे ने कहा, 'मैं इसको लेकर काफी रोमांचित हूं। यह एक नई चुनौती होगी। अभी पता नहीं कि चीजें कैसे आगे बढ़ेंगी। यह मैच खेलने पर ही पता चलेगा। मैच से पहले दो तीन अभ्यास सत्र से हमें गुलाबी गेंद के बारे में सही तरीके से पता चल जाएगा कि यह कितनी स्विंग करती है और सत्र दर सत्र उसमें क्या बदलाव आते हैं। गेंद को देर से और शरीर के पास जाकर खेलना महत्वपूर्ण होगा। मुझे नहीं लगता कि हमें गुलाबी गेंद से तालमेल बिठाने में ज्यादा दिक्कत आनी चाहिए।’

 

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