इंदौर में अगर कर्फ्यू में बाहर निकले तो सीधे जेल भेजे जाएंगे

इंदौर
इंदौर में कोरोना से निपटने के लिए प्रशासन सख्ती बरत रहा है. कलेक्टर ने आदेश दिया है कि टोटल लॉक डाउन के दौरान घर से बाहर निकलने वालों को सीधे जेल भेजा जाए. कर्फ्यू में बाहर निकलने को सीधे कोरोना संक्रमण से शहर को बचाने के उपायों का विरोध माना जाएगा. इसी के साथ कोरोना वायरस (corona) की स्थिति का सारा रिकॉर्ड एक जगह रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक विशेष एप (app)  अरण्य लॉन्च किया है. इसमें कोरोना संदिग्धों की पूरी जानकारी रहेगी.संक्रमितों के घरों की लोकेशन के साथ ही उनकी कब कब क्या जांच की गई, कौन सी दवा दी गई, ये सब जानकारी रहेगी. अस्पतालों की जानकारी देने के लिए एक कॉल सेंटर भी शुरू किया गया है.

कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि इंदौर में लागू कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों के लिए शहर में अस्थाई जेल का नोटिफिकेशन जारी किया जा रहा है. जो कोई भी कर्फ्यू के आदेश का उल्लंघन करेगा तो ये माना जाएगा कि वह कोरोना संक्रमण से शहर को बचाने के उपायों का विरोध कर रहा है. उसे धारा 107, 116 और 151 में गिरफ़्तार कर तब तक के लिए जेल भेजा जाएगा जब तक शहर में कर्फ्यू रहेगा. शहर को संक्रमण से बाहर निकालने के लिए यही एक उपाय है. किसी भी स्थिति में किसी भी व्यक्ति को इसका उल्लंघन नहीं करने दिया जाएगा. जिला दंडाधिकारी ने पुलिस को इस संबंध में सख़्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.

कोरोना संक्रमित क्षेत्रों में जागरुकता और इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग ने टीमें तैयार की हैं. ये टीमें जो डाटा इकट्ठा कर रही हैं उन्हें रखने के लिए स्पेशल मोबाइल एप अरण्य बनाया गया है. इस एप में टीम को आवंटित घरों और उनमें रहने वाले लोगों की जानकारी रहेगी. एप के ज़रिए बीमार मरीजों की जानकारी भी इकट्ठा होगी. इसमें मरीज पाये जाने पर उसका यथासंभव इलाज कराया जाएगा. इसकी पूरी जानकारी इस एप में रहेगी.कोरोना प्रभावित क्षेत्रों में प्रत्येक 200 घरों के ऊपर आशा, आंगनवाड़ी, एएनएम और डॉक्टर की ड्यूटी लगायी गई है.

शहर को संक्रमण से बचाने के लिए कोरोना प्रभावित क्षेत्र के प्रत्येक घर के लोगों को जागरुक रहना ज़रूरी है. इसलिए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और धर्म गुरुओं से अपील कराई जा रही है कि वे सर्वे करने पहुंचे रही मेडिकल टीम के सदस्यों का भरपूर सहयोग करें. सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का पालन करें,क्योंकि जिला प्रशासन का ये प्रयास है कि बीमार लोगों को घर पर रहते हुए ही ठीक कर लिया जाए,बहुत ज़रूरी होने पर ही उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जाए ताकि अस्पतालों में भीड़ इकट्ठी न हो.आवश्यकता पड़ने पर ही उन्हें अच्छे अस्पताल में भर्ती कराकर आठ-दस दिन में स्वास्थ करा दिया जाए,इसके लिए रानीपुरा,दौलतगंज,हाथी पाला,चम्पा बाग,नार्थ तोड़ा,साउथ तोड़ा और नयापुरा में करीब 80 स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी लगा दी गई है,इन्हें साथ में दवाइयां भी दी गई हैं.

कोरोना वायरस की रोकथाम,इलाज, दूसरी बीमारियों के उपचार के लिये इंदौर शहर के अस्पतालों को रेड,येलो और ग्रीन श्रेणी में बांट दिया गया है.इन अस्पतालों के बीच समन्वय और आम नागरिकों को उनके क्षेत्र के अस्पतालों की जानकारी देने के लिये एक कॉल सेन्टर शुरू किया गया है. ये कॉल सेन्टर 24 घंटे काम करेगा. इसका नंबर भी जारी कर दिया गया है.

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