इंदौर को भी दो निगमों में बांटने की तैयारी! महापौर मालिनी गौड़ – इसकी जरूरत नहीं

इंदौर
कांग्रेस सरकार प्रदेश के बड़े शहरों में नगर निगम का बंटवारा करने की तैयारी कर रही है। प्रदेश की राजधानी भोपाल को दो नगर निगम में बांटने के फैसले के बाद अब प्रदेश के जबलपुर और इंदौर को भी बांटे जाने की मांग उठी है। कांग्रेस नेता और राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने यह मांग उठाई है। वहीं इंदौर शहर के बंटवारे की खबर सामने आने पर शहर की महापौर मालिनी गौड़ ने इसका विरोध किया है और तन्खा पर पलटवार करते हुए कहा है कि इंदौर में इसकी जरुरत नहीं तन्खा जबलपुर ही ध्यान दें।

इंदौर की मेयर मालिनी गौड़ का कहना है कि इंदौर शहर को दो हिस्सों में बांटने की जरूरत नहीं है, जिस तरह से इंदौर स्वच्छता में तीन बार से लगातार नंबर वन बना हुआ है इससे नगर निगम की प्रभावी कार्यप्रणाली दिखाई देती है।  नगर निगम सफाई से लेकर नागरिकों को सुविधाएं देने में कहीं से पीछे नहीं है| ऐसे में शहर का विभाजन ठीक नहीं है। उन्होंने विवेक तन्खा को जबलपुर में ही ध्यान देने की नसीहत दे डाली।

दरअसल, राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने सोशल मीडिया पर जबलपुर और इंदौर को भी दो नगर निगमों में बांटने की मांग की थी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा "यदि जयपुर, जोधपुर और कोटा में 2 नगर निगम हो सकते हैं (शहर के आकार और जनसंख्या को देखते हुए) – तो मप्र में जबलपुर और इंदौर क्यों नहीं। सिर्फ भोपाल ही क्यों !! प्रशासनिक सुविधा कारण सभी पर लागू होता है"। इससे पहले एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा "यह समय की डिमांड है। जबलपुर कॉर्परेशन 1956  के क़ानून तहत स्थापित हुआ था। तब जबलपुर की जनसंख्या 2 लाख होगी। अब 15 लाख होगी। आज लगभग 70 वॉर्ड्ज़ है। अगर 2 कॉर्परेशन स्थापित होंगे तो वार्ड संख्या दुगनी हो जायेगी। 2 मेयर भी मिलेंगे। कल मैं विधिसम्मत अभ्यवेदन जयवर्धन सिंह से मिलूंगा। इसके जवाब में मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा विवेक तन्खा का विचार उचित है, शहरी विकास के लिए छोटे जनसंख्या वाले वार्डो का होना जरूरी है। जबलपुर और इंदौर शहर में दो नगर निगम बनाने का कोई सुझाव या आवेदन आता है तो उस पर विचार किया जाएगा।

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