आसान उपाय अपनाकर गर्मी के मौसम में नियंत्रित कर सकते हैं बिजली बिल

भोपाल 
विद्युत वितरण कंपनी ने बिजली उपभोक्ताओं से कहा कि वे गर्मी के मौसम में आसान उपाय अपनाकर बिजली और बिल की राशि दोनों में बचत कर सकते हैं। दिन में सूर्य के प्रकाश का अधिकतम उपयोग करें तथा गैर-जरूरी पंखे, लाईट इत्यादि उपकरणों को बंद रखें। विशेषतः कार्यालयीन समय में भोजनावकाश के दौरान, घर से बाहर एवं कक्ष से बाहर जाते समय, ध्यानपूर्वक समस्त प्रकाश, पंखे एवं कंप्यूटर मॉनिटर इत्यादि को बंद करें चाहे आप थोड़े समय के लिए ही क्यों न बाहर जा रहे हों। अपने साथियों, सहकर्मियों, अधीनस्थ कर्मचारियों एवं परिवार को प्रोत्साहित करें कि वे दिन के समय विद्युत का कम से कम उपयोग करें। घरों में उपयोग होने वाले उपकरणों का प्रयोग यथासंभव एक साथ न करें, क्योंकि ऐसा करने से घर की वायरिंग में विद्युत क्षति बढ़ जाती है। वार्षिक विद्युत खपत का लगभग 9 प्रतिशत केवल प्रकाश व्यवस्था पर खर्च होता है। अतः विद्युत का उपयोग अति आवश्यक अवसरों पर करने पर विद्युत खर्च में लगभग 20 प्रतिशत की कमी की जा सकती है। ब्यूरो आफ एनर्जी इफिशिएंसी द्वारा प्रमाणित कम से कम तीन सितारा चिन्हित ऊर्जा दक्ष उपकरणों का क्रय करने से ऊर्जा खपत कम की जा सकती है। अप्रमाणित उपकरण क्रय करते समय सस्ते हो सकते हैं किंतु इनमें बिजली खपत अधिक होती है। कुछ अंतराल के बाद ये महंगे साबित होते हैं। इलेक्ट्रानिक उपकरण जैसे टी.वी. को स्टैण्डबाई मोड पर न रखने से एक वर्ष में लगभग 70 यूनिट विद्युत की बचत हो सकती है।

कम्प्यूटर : कम्यूटर के मानिटर एवं कापीअर्स को स्लीप मोड में रखने से लगभग 40 प्रतिशत ऊर्जा की बचत होती है। एलईडी मॉनिटर का प्रयोग करें। यह पारंपरिक सी.आर.टी. मॉनिटर की तुलना में कम ऊर्जा खर्च करता है। यदि कम्प्यूटर को चालू रखना आवश्यक हो तो मॉनिटर अवश्य बंद रखें जो कि कुल ऊर्जा का 50 प्रतिशत से अधिक खर्च करता है। यदि एक कम्प्यूटर 24 घंटे चालू रखा जाए तो यह एक ऊर्जा दक्ष फ्रिज से अधिक विद्युत खर्च करता है। अतः उपयोग न होने पर कम्प्यूटर बंद रखें।

एलईडी बल्ब : वर्तमान में एलईडी बल्ब ऊर्जा बचत के लिए अतिउत्तम विकल्प है। एलईडी बल्ब बार-बार चालू/बंद करने से उनकी उम्र पर असर नहीं पड़ता है जबकि साधारण बल्ब जल्दी ही फ्यूज हो जाता है। एलईडी बल्ब सीएफएल से तो बेहतर है ही साथ ही परंपरागत बल्ब की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक प्रकाश देते हैं। इनकी टिकाऊ होने की अवधि सामान्य बल्ब की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक है। यह कम ऊर्जा ग्रहण करते हैं और ज्यादा गर्म भी नहीं होते हैं।

फ्रिज को दीवार, सीधे सूर्य का प्रकाश अथवा अन्य ऊष्मा देने वाले उपकरणों के पास न रखें। फ्रिज के पीछे कंडेंसर क्वाईल पर जमी धूल के कारण मोटर को अधिक कार्य करना पड़ता है एवं बिजली ज्यादा लगती है, अतः क्वाइल्स को नियमित साफ करें। फ्रीजर की नियमित डीफ्रास्टिंग आवश्यक है जिससे कूलिंग करने के लिये फ्रिज को अधिक ऊर्जा की जरूरत नहीं पड़े। इसके अंदर के स्थान का पूर्ण उपयोग आवश्यक है किंतु भीतर खुली हवा के सरकुलेशन के लिए जगह छोड़ना जरूरी है। इससे ऊर्जा की बचत होती है। फ्रिज के दरवाजे की गास्केट में लीकेज नहीं होना चाहिए, जिसके कारण फ्रिज हमेशा अधिक ऊर्जा खर्च करता है एवं बिजली का बिल अधिक आता है। एयर कंडीशनर्स की 25 डिग्री सेंटीग्रेड की सेटिंग पर न्यूनतम खर्च में अधिकतम आरामदेह वातानुकूलन प्राप्त होता है। पुराने एवं रिपेयर किए हुए एसी की दक्षता कम होती है। इसकी तुलना में नए ऊर्जा दक्ष एसी खरीदना बेहतर एवं किफायती है। एक अच्छा एसी लगभग 30 मिनट में एक कमरे को ठण्डक प्रदान कर देता है। अतः टाइमर का प्रयोग कर एसी कुछ समय के लिए बंद किया जा सकता है। इसके एयर फिल्टर्स में धूल जमा होने पर हवा का बहाव कम हो जाता है। साफ फिल्टर्स से शीतलता शीघ्र प्राप्त होती है एवं बहुमूल्य ऊर्जा की बचत होती है। घर के आसपास हरियाली पेड़-पौधों की छांव रहने पर एसी द्वारा विद्युत की खपत में 40 प्रतिशत तक ऊर्जा की बचत की जा सकती है। थर्मोस्टेट की सेटिंग शीतकाल में 2 डिग्री कम एवं ग्रीष्मकाल में 2 डिग्री अधिक करने पर लगभग 900 किलो कार्बन डायआक्साईड का उत्सर्जन कम किया जा सकता है।

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