आर्थिक रूप से कमजोर कोरोना मरीजों का इलाज फ्री : मुख्यमंत्री केजरीवाल

नई दिल्ली। देश में ज्यादातर पाबंदियां हटा लेने के बीच कोविड-19 के संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। पिछले एक सप्ताह में देश में करीब 61 हजार मामलों का उछाल आया है। इस कारण शुक्रवार को भारत कोरोना प्रभावित देशों की लिस्ट में इटली से आगे होकर छठे स्थान पर पहुंच गया। ऐसे में चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों को लगता है कि अगर हालात नियंत्रण से बाहर हुए तो लॉकडाउन फिर लगाना पड़ सकता है। देश में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 2,36,657 हो गई है। जबकि अब तक इस वायरस की वजह से 6,642 लोगों की मौत हो चुकी है। अच्छी बात यह है कि अब तक 1,14,073 मरीज रिकवर हुए हैं, यानी  उनका इलाज सफल रहा और वो ठीक होकर घर लौट चुके हैं। इससे पहले शुक्रवार के आंकड़ों में 9,851 नए कोरोना पॉजिटिव केस और 273 लोगों की मौत की बात सामने आई थी। यानी बीते 24 घंटे में 9,887 नए कोरोना केस सामने आए हैं। वहीं इसी समय में 294 लोगों की मौत हुई है। शुक्रवार के मुकाबले शनिवार को कोरोना के नए केस और मरने वालों की संख्या में और तेजी आई है। दिल्ली में रोज सैकड़ों मरीज सामने आ रहे हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर कोरोना मरीजों का फ्री में इलाज कराने का फैसला लिया है। सरकार के फैसले के तहत दिल्ली के 42 प्राइवेट अस्पतालों में गरीबों का फ्री में इलाज होगा। इसके लिए दिल्ली सरकार के डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज ने सभी 42 प्राइवेट अस्पतालों को आदेश जारी कर दिया है।  इन सभी 42 प्राइवेट अस्पतालों को बेड रिजर्व रखने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सरकारी सुविधाएं लेने वाले अस्पतालों में फ्री या कम कीमत पर इलाज कराने को लेकर जवाब मांगा था। इसके जवाब में केंद्र सरकार ने शीर्ष कोर्ट में कहा था कि सरकार के पास ऐसे कोई अधिकार नहीं हैं जिससे वह अस्पतालों से नि:शुल्क इलाज कराने के लिए कह सके।

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