आरएफआईडी टैग बिना दिल्ली में आज से एंट्री महंगी

नई दिल्ली
दिल्ली में शुक्रवार से बिना रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन (RFID) टैग वाले कमर्शल वाहनों की एंट्री काफी महंगी पड़ने जा रही है। एनवायरनमेंट पलूशन कंट्रोल अथॉरिटी(EPCA) के अनुसार शुक्रवार रात से दिल्ली बॉर्डर पर बिना टैग के एंट्री के लिए दोगुना टोल टैक्स और एनवायरनमेंट क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (ECC) देना होगा। 22 अगस्त तक डेढ़ लाख के आसपास ही टैग लिए गए हैं। जबकि 13 बॉर्डरों से 7 से 8 लाख कमर्शल गाड़ियां गुजरती हैं। वहीं, कमर्शल गाड़ी चालकों के अनुसार एक दिन में कंपनी सिर्फ 6 से 7 हजार टैग ही जारी कर रही है। इसी के चलते बॉर्डरों पर लंबी लाइनें लग रही हैं। वहीं, जिनके पास टैग हैं, उन्हें भी रिचार्ज करने में समस्या आ रही है।

ईपीसीए ने साफ किया है कि सर्दियों से पहले इस सिस्टम को लागू करना जरूरी है।
ईपीसीए के मुताबिक आरएफआईडी के टैग एनएचएआई के टोल सिस्टम से अलग हैं। इन टैग में ऐसा सिस्टम लगाया गया है, जिससे गाड़ियों की उम्र का पता टोल बेरियर पर चलेगा और बेरियर ओपन नहीं होगा। इसी वजह से एनएचएआई के साथ इस टैग को लिंक नहीं किया जा रहा है। हालांकि इसके प्रयास किए जा रहे हैं। इस टैग से दिल्ली में आने वाली गाड़ियों को भविष्य में सीमित किया जा सकता है, जिससे प्रदूषण से से निजात मिले।

शुरू के 3 दिन होगी दिक्कत
दिल्ली के 13 एंट्री पॉइंट कुंडली, रजोकरी, टिकरी, आया नगर, कालिंदी कुंज, कापसहेड़ा, शाहदरा मैन, शाहदरा फ्लाईओवर, गाजीपुर, डीएनडी, बदरपुर-फरीदाबाद मेन, बदरपुर-फरीदाबाद फ्लाईओवर पर आरएफआईडी सिस्टम जुलाई में ही शुरू हो चुका है। ईपीसीए के अनुसार अब तक जिन गाड़ियों ने अब तक टैग लिए हैं, वह दिल्ली में कई बार एंट्री करती हैं और रेग्युलर हैं। ऐसे में शुरू के तीन दिन टोल पर समस्याएं देखने को मिल सकती है। इस व्यवस्था से टोल पर लगने वाले जाम से छुटकारा मिलेगा। साथ ही टैक्स और ईसीसी में हो रही धांधली को भी कम किया जा सकेगा।

टेक्सीडेल सीईओ आकाश सिन्हा ने कहा, 'गुरुवार तक डेढ़ लाख के आसपास टैग लिए गए हैं। टैग गाड़ी पर चिपकाए जा रहे हैं, ताकि उनका दुरुपयोग न हो। एक दिन समस्या आई थी। अब सभी जगह टैग पर्याप्त संख्या में मिल रहे हैं। सभी टोल पर टैग लेने के लिए 80 पीओएस लगाए गए हैं। इसके अलावा भी कई जगहों पर सेंटर बनाए गए हैं।'

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *