आयुष्मान योजना और स्मार्ट कार्ड बंद कर सितंबर से लागू करेंगे यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम
अंबिकापुर
भारत सरकार द्वारा संचालित आयुष्मान भारत योजना व स्मार्ट कार्ड को छत्तीसगढ़ सरकार बंद करने की तैयारी में है। स्वास्थ्य मंत्री ने शुक्रवार को अंबिकापुर में आयोजित एक क्रिकेट मैच के शुभारंभ के बाद कहा कि जब तक प्रदेश में यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम पूर्ण रूप से चालू नहीं हो जाती है तब तक स्मार्ट कार्ड से लोगों को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधा जारी रहेगी।
प्रदेश सरकार द्वारा बीमा कम्पनी के पास सितम्बर माह तक का बजट जमा किया जा चुका है। इसलिए इसके पूर्व हेल्थ स्कीम शुरू करने की तैयारी की जा रही है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनते ही केंद्र सरकार व पूर्व की राज्य सरकार द्वारा जो भी योजनाएं यहां के लिए शुरू की गई थीं उन्हें बंद कर नयी योजना शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इसे लेकर न केवल आम नागरिकों में बल्कि अधिकारियों में भी संशय की स्थिति बनी हुई है।
प्रदेश सरकार द्वारा अब केंद्र सरकार द्वारा चालू की गई आयुष्मान भारत योजना व स्मार्ट कार्ड को बंद करने की तैयारी की जा रही है। इसके पीछे जो तर्क दिया जा रहा है कि डॉक्टरों द्वारा इन योजनाओं में विभिन्न बीमारियों के लिए निर्धारित दर पर इलाज करने से इनकार किया जा रहा है।
इसकी वजह से सरकार द्वारा बीमा कम्पनी को प्रति वर्ष जो करोड़ों रुपए दिए जा रहे हैं वे लैप्स हो जा रहे हैं। इन्हीं सब वजह से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम लागू करने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि आयुष्मान योजना व स्मार्ट कार्ड का लाभ तभी मिलता है जब मरीज अस्पताल में भर्ती होता है।
भर्ती होने के पूर्व इनके माध्यम से न तो सोनोग्राफी, लैब टेस्ट, सिटी स्केन व अन्य जांच की जाती है। इसकी वजह से इसका लाभ नहीं मिल पाता है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है। मुख्यत: ७५ प्रतिशत लोगों का इलाज प्राथमिक स्तर पर ही हो जाता है।
इसके लिए किसी बड़े अस्पताल, जिला चिकित्सालय में जाने की जरूरत नहीं है। ८० प्रतिशत इलाज मितानिनों व पीएससी के माध्यम से हो जाता है। आयुष्मान योजना सिर्फ गरीबी रेखा वालों के लिए है। जबकि यूनिर्वसल हेल्थ स्कीम के तहत सभी वर्ग के लोगों को लाभ मिलेगा। मरीज को पूर्ण रूप से निशुल्क इलाज और उन्हें जरूरी दवाइयां मिले, यही सरकार का उद्देश्य है।
डॉक्टरों ने जताई है इलाज करने में आपत्ति
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि स्मार्ट कार्ड के तहत ८५० बीमारियों का इलाज होता था। जबकि आयुष्मान योजना के तहत 1370 बीमारियों का इलाज किए जाने की बात कही गई है। डॉक्टरों द्वारा प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत इलाज करने पर सहमति जताई है। लेकिन आयुष्मान योजना के तहत सरकार द्वारा जो दर निर्धारित की गई, उस पर डॉक्टरों द्वारा इलाज करने से मना किया जा रहा है।
बीमा कम्पनी के पास जमा है किश्त
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सितम्बर माह के पूर्व यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम लागू करने की योजना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रति व्यक्ति के लिए 440 रुपए सालाना बीमा की किश्त कम्पनी के पास जमा की जाती है। इस प्रकार 184.8 करोड़ रुपए पहले ही प्रदेश सरकार द्वारा सितम्बर माह तक का जमा किया जा चुका है।