आयकर रिटर्न फॉर्म में वेतन, टीडीएस और एफडी की जानकारी भरे मिलेंगे

 नई दिल्ली
 
आयकर विभाग ने आयकर दाताओं को रिटर्न भरने में सहूलियत देने की दिशा में नई पहल की है। विभाग इस साल आयकर रिटर्न फॉर्म—1 (सहज) भरने वालों को वेतन, सावधि जमा (एफडी) पर ब्याज से हुई आमदनी और स्रोत पर कर की कटौती यानी टीडीएस की जानकारी भर कर देगा। बीते साल तक यह आयकर दाताओं को येे सारी जानकारियां फॉर्म में खाुद से भरनी होती थी। हालांकि, यह सुविधा सिर्फ ऑनलाइन रिटर्न भरने वाले करदाताओं को ही मिलेगी। 

जानकारी में बदलाव की छूट होगी
आयकर दाताओं को फॉर्म—1 में बदलाव की छूट विभाग देगा। यानी अगर आयकर दाताओं को लगता है कि फॉर्म में पहलेे से दी हुई जानकारी सही नहीं है तो वह इसको अपने अनुसार सही कर सकता है। लेकिन गलत जानकारी देने पर भारी जुर्माना भी लग सकता है। अगर कोई करदाता कर चोरी के लिए गलत जानकारी दिया और वह विभाग की जांच में सामने आता है तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।

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सॉफ्टवेयर से जानकारी जुटाएगा विभाग
आयकर विभाग फॉर्म—1 में वेतन, टीडीएस और एफडी से हुए आय की जानकारी जुटानेे के लिए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहा है। सॉफ्टवेयर फॉर्म 26एएस से ये जानकारियां जुटाने के लिए पैन नंबर, नियोक्ता की ओर से फाइल किए गए टीडीएस रिटर्न और पिछले वर्ष के आयकर रिटर्न इस्तेमाल करेगा। इससे मिली जानकारी को विभाग फॉर्म—1 में भर कर देगा। हालांकि, इसमें बदलाव की छूट करदाताओं को मिलेगी। 

ये सारी जानकारियां भरी मिलेगी 
1.पैन, नाम, जन्म तिथि 
2. पता, आधार नंबर, मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी 
3. टीडीएस और टीसीएस की जानकारी  
4. मकान का प्रकार
5. घर से होने वाली आय
6. एफडी पर ब्याज से हुई आमदनी
7. धारा 89 के तहत मिली कर छूट
9. बैंक खाते की जानकारी

जानकारी मिला कर ही भरें रिटर्न 
कर विशेषज्ञों का कहना है कि आयकर विभाग ने फॉर्म—1 भरने वाले लोगों को सहूलियत देने के लिए अधिकांश जानकारियां पहलेे से भर का उपलब्ध करा रहा है लेकिन आयकर दातााओं को सभी जानकारी जांच कर ही फॉर्म को जमा करना चाहिए। इसमें टीडीएस की जानकारी सबसे अहम है। इससे फॉर्म मेें गलत जानकारी की संभावना नहीं होगी और बाद में फॉर्म में सुधार की नौबत नहीं आएगी। 

फॉर्म-16 में किया गया है बदलाव  
आयकर विभाग नेे इस वर्ष ने फॉर्म-16 और 24क्यू (नियोक्ता द्वारा फाइल किया गया टीडीएस रिटर्न) के प्रारूप में बदलाव किया है। इसके अलावा, इस वर्ष आईटीआर-1 फॉर्म का प्रारूप भी फॉर्म-16 जैसा कर दिया गया है। इसलिए, इस वर्ष आयकर दाताओं को रिटर्न भरनेे में काफी सहूलियत होगी। उसे फॉर्म-16 से जानकारी कॉपी कर आईटीआर-1 फॉर्म में चिपकाना होगा। इससे रिटर्न फॉर्म में गलत जानकारी भरनेे का चांस न के बराबर होगा।

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