आम्रपाली के खरीदारों को राहत की उम्मीद

नई दिल्ली
संकट से जूझ रहे आम्रपाली समूह की परियोजनाओं में फ्लैट खरीदने वाले 8,000 खरीदारों को उच्चतम न्यायालय से जल्द ही कुछ राहत मिल सकती है। मामले की अगली सुनवाई 24 जनवरी को होनी है। ये 8,000 फ्लैट आम्रपाली समूह की उन 15 परियोजनाओं का हिस्सा है जिनमें कुल 46,575 फ्लैट बनाए जाने हैं।

खरीदारों के वकील कुमार मिहिर ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि न्यायालय 24 जनवरी की सुनवाई में उन सभी फ्लैटों के पंजीकरण की अनुमति देगा जिन पर कब्जा मिल चुका है। हमें उम्मीद है कि न्यायालय बिजली और पानी के कनेक्शन लगाने के लिए भी आदेश देगा। इससे करीब 8,000 खरीदारों को तुरंत राहत मिलेगी। न्यायालय ने कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी चंदर वाधवा और निदेशकों को 12 करोड़ रुपये जमा करने को कहा था। अगर वे पैसा जमा कराते हैं तो तो एनबीसीसी तुरंत काम शुरू कर सकता है।'

16 जनवरी को पिछली सुनवाई में न्यायालय द्वारा नियुक्त फॉरेंसिक ऑडिटरों ने बताया था कि आम्रपाली की आवासीय परियोजनाओं में 500 से अधिक लोगों के नाम पर एक रुपये, पांच रुपये और 11 रुपये प्रति वर्ग फुट की कीमत पर फ्लैट बुक कराए गए थे। सूत्रों का कहना है कि इस तरीके से समूह ने खरीदारों के पैसों का हेरफेर किया था।

न्यायालय ने वाधवा को सात दिन के भीतर पैसा जमा कराने को कहा था। लेकिन सूत्रों का कहना है कि वह अदालत से और समय मांग सकते हैं क्योंकि अभी उनके पास इतनी नकदी नहीं है। खरीदारों को उम्मीद है कि वाधवा से मिलने वाली राशि को लिफ्ट लगाने और अन्य कामों को पूरा करने में इस्तेमाल किया जा सकता है। करीब एक दशक से फ्लैट का इंतजार कर रहे खरीदारों को उम्मीद है कि समूह की 1,500 करोड़ रुपये की संपत्तियों की नीलामी से फ्लैटों को बनाने का काम फिर से शुरू हो सकेगा।

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