आप Parenting के नाम पर कहीं ‘शेयरेंटिंग’ तो नहीं कर रहे!
शेयरेंटिग का अर्थ है, माता-पिता द्वारा अपने बच्चों से जुड़ी हर छोटी-बड़ी इन्फर्मेशन या फोटोज को सोशल मीडिया पर शेयर करना। इसे 'टू मच इन्फर्मेशन' के रूप में भी देखा जाता है। यह टर्म उन पैरंट्स के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो अपने बच्चों की हर जानकारी, फोटो और विडियो को ऑनलाइन शेयर करते हैं।
हाल ही में आयरन मैन फेम ऐक्ट्रेस ग्विनिथ पाल्ट्रो अचानक अपने एक इंस्टाग्राम पोस्ट से सुर्खियों में आ गईं। उस पोस्ट में उन्होंने अपनी 14 साल की बेटी एपल के साथ अपनी तस्वीर शेयर की, मगर ग्विनिथ पाल्ट्रो की बेटी एपल मां से नाराज हो गई। उसने कॉमेंट किया, 'मां हमने इस विषय में चर्चा की थी, आपको मेरी रजामंदी के बगैर पोस्ट नहीं करना चाहिए था।'
एपल की इस प्रतिक्रिया पर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। कुछ लोगों ने ग्विनिथ को 'शेयरेंटिंग' का शिकार बताकर ताना कसा कि उन्हें बेटी की अनुमति के बगैर तस्वीर पोस्ट नहीं करनी चाहिए थी, तो कई लोगों का तर्क था कि वे मां हैं और अपनी बेटी की कोई भी फोटो पोस्ट कर सकती हैं। ग्विनिथ पाल्ट्रो ही क्यों? हाउसवाइफ मिताली शर्मा रोजाना अपने बेटे चीकू की डे टू डे अपडेट फेसबुक पर अपलोड करती रहती हैं। शुरू में मिले, 'सो क्यूट', 'कित्ता प्यारा है', 'इसकी स्माइल तो तैमूर की तरह है' जैसे कॉमेंट्स से मिताली इतनी इंस्पायर हो गई कि दिनभर में 8-10 पिक्स पोस्ट जरूर करती हैं।
पश्चिमी दिल्ली की सोनिया शाह पिछले दो सालों से डांस में प्रशिक्षण लेने वाली अपनी बेटी श्रेया की डांस प्रैक्टिस, एंकल-नी इंजरीज, डांस परफॉर्मेंस और उसके अवॉर्ड्स से जुड़े फोटोज साझा करती जा रही है। इससे 10 साल की श्रेया सोशल मीडिया पर भविष्य की डांसर के रूप में स्थापित हो चुकी है।
मां की वजह से दोस्त को खोना पड़ा
जाने-माने सायकॉलजिस्ट हरीश शेट्टी कहते हैं, 'माता-पिता को कई बार जरा भी अंदाजा नहीं होता कि उनकी शेयरेंटिग बच्चों की ओवरऑल पर्सनैलिटी के लिए कितनी घातक हो सकती है। वे तो मजाक में किसी फोटो के साथ मजाकिया कैप्शन डाल देते हैं या कुछ लिख देते हैं, मगर कई बार बच्चे उससे शर्मिंदा या हर्ट हो सकते हैं। पैरंट्स द्वारा किसी ओवरवेट बच्चे की स्विमिंग की फोटो उसे दूसरे बच्चों की बुलिंग का शिकार बना सकते हैं। मेरे पास एक केस आया था, जिसमें बच्चे ने अपनी मां से बात करना बंद कर दिया था। मैंने जब बात की, तो पता चला कि उसकी मां सालों से अपने बेटे के रिजल्ट्स और मार्क्स को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया करती थी। उसकी मॉम ने जब टेंथ में स्कूल में फर्स्ट आने पर एफबी पर पोस्ट की, तो बेटे ने उसे डिलीट कर दिया। बेटे ने बताया कि उस पोस्ट के कारण उसकी अपने बेस्टफ्रेंड से दोस्ती टूट गई। उसका दोस्त फेल हो गया था और इस पोस्ट के कारण उसे अपने घर में बहुत बातें सुननी पड़ी थीं।
12 साल की बच्ची पिडोफिया का शिकार
मशहूर सायकॉलजिस्ट पवन सोनार के अनुसार, 'सोशल मीडिया पर बच्चों से जुड़ी जिन पोस्ट या जानकारी को माता-पिता नॉर्मल समझते हैं, कई बार वह बच्चों को फिजिकली और इमोशनली नुकसान पहुंचाते हैं। बच्चे इतने समझदार नहीं होते कि अपनी प्रिवेसी या आइडेंटिटी को प्रटेक्ट कर सकें। कई बार पैरंट्स अपनी महत्वाकांक्षाओं, असुरक्षाओं या अपनी साइकॉलजिकल समस्यायों के कारण शेयरेंटिंग करते हैं। मगर इससे वे बच्चे की एक ऑनलाइन छवि बना देते हैं। वह छवि उनके लिए सामाजिक दबाव और डिप्रेशन का कारण बन जाती है। बच्चे पिडोफेलिया जैसे मानसिक विकार से ग्रसित लोगों का शिकार भी बन सकते हैं। बच्चों के साथ यौन संबंध बनाने की विकृति रखनेवाले पिडोफिल सोशल मीडिया पर उपलब्ध जानकारी का मिसयूज कर सकते हैं। मेरे पास आए एक केस में 12 साल की बच्ची सोशल मीडिया के अपडेट्स के कारण ही एक बुजुर्ग पिडोफिया के चंगुल में फंस गई थी।
बच्चा हुआ वर्चुअल किडनैपिंग का शिकार
साइबर क्राइम एक्सपर्ट प्रशांत माली के शब्दों में, 'अजनबी या आसामाजिक प्रवृत्ति के लोग आपके सोशल मीडिया अपडेट्स से बच्चे के जन्मदिन, स्कूल, घर, दोस्तों और गतिविधियों की पूरी जानकारी पा सकता है। शेयरेंटिंग के कारण सोशल मीडिया पर 'वर्चुअल किडनैपिंग' के खतरनाक ट्रेंड ने खूब जोर पकड़ा है। वर्चुअल किडनैपिंग फेक किडनैपिंग होती है, जिसमें किडनैपर विक्टिम के सोशल मीडिया डिटेल्स के जरिए उसके घरवालों से पैसा ऐंठता है। एक केस में दादा को फोन आया कि उनका पोता किडनैप हो गया है और उन्हें एक घंटे में पैसे पहुंचाने होंगे। दादा ने आनन-फानन पैसे बताई हुई जगह पर पहुंचा दिए। कुछ समय बाद पोता जब घर पर पहुंचा, तो सब परेशान थे। किडनैपर ने उसका फोन ब्लॉक करवाकर फेक किडनैपिंग का जाल रचा।'
इसके कानूनी पहलू के बारे में प्रशांत कहते हैं, 'फ्रांस में ऑनलाइन प्राइवेसी कानून के तहत बच्चों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करना गैरकानूनी है। ऐसे माता-पिता पर 45,456 डॉलर का जुर्माना लगाकर उन्हें जेल भेजा जा सकता है। हमारे देश में भी जल्द ही पर्सनल डेटा प्रटेक्शन ऐक्ट लागू होने वाला है, जिसमें माता-पिता बिना बच्चों की अनुमति के उनके फोटोज और जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर नहीं कर पाएंगे।'