आपके वॉट्सऐप मेसेज में ताक-झांक करेगा फेसबुक, यह है पूरा प्लान

फेसबुक (Facebook), वॉट्सऐप पर भेजे जाने वाले आपके पर्सनल मेसेज में ताक-झांक करेगा। असल में,फेसबुक अपने पॉप्युलर मेसेजिंग प्लैटफॉर्म वॉट्सऐप पर कंटेंट और मेसेज को मॉडरेट करने के लिए एक ऑन-डिवाइस एआई एल्गोरिथ्म पर काम कर रहा है। ऐसे में अपनी ऐक्सेप्लटेबल स्पीच पॉलिसी को लागू करने के लिए फेसबुक, वॉट्सऐप के एनक्रिप्टेड मेसेजेस में भी ताक-झांक कर सकता है। ऐसे में फेसबुक, ऑटोमैटिकली मेसेजेस के एनक्रिप्टेड होने और भेजे जाने से पहले उन्हें स्कैन करेगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे सेटअप के लिए वॉट्सऐप को प्लैटफॉर्म पर आपत्तिजनक मेसेज डिवेलपर्स को ट्रांसमिट करने होंगे, जिससे आर्टिफिशल इंटेलिजेंस को बेहतर किया जा सके।

मेसेज की स्कैनिंग खतरे की घंटी

फेसबुक के इस कदम को दूसरे नजरिए से देखने वाले एक्सपर्ट्स का कहना है कि एनक्रिप्टेड मेसेजेस की स्कैनिंग संभव होना खतरे की घंटी हो सकता है। आशंका जताई गई है कि इसके बाद कुछ देशों की सरकारें उनके लिए जासूसी करने का दवाब भी सोशल मीडिया फर्म्स पर डाल सकती हैं। फेसबुक ने अपने प्लैटफॉर्म्स पर कंटेंट मॉडरेशन का काम इंसानों से जुड़े डेटा सेंटर्स के बजाय ऑन डिवाइस एआई-पावर्ड सिस्टम से करवाने का ऐलान 1 मई को अपने F8 डिवेलपर्स कॉन्फ्रेंस में किया था। इसके बाद यूजर्ल के डिवाइस पर कंटेंट को एआई स्कैन करने के अलावा मॉडरेट कर सकेगा।

एनक्रिप्शन से पहले स्कैन होंगे मेसेज

फेसबुक का यह कॉन्सेप्ट ऐसा है कि वॉट्सऐप पर मेसेज भेजने पर सीधे इन-ऐप एआई ही उसके रिसीवर तक पहुंचने और एनक्रिप्ट होने से पहले मेसेज को स्कैन कर लेगा। साथ ही इसके फिल्टरिंग एल्गोरिथ्म एक सेंट्रल सोर्स से रेग्युलर अपडेट किए जाएंगे। इस तरह फेसबुक यूजर्स को वे मेसेज प्लैटफॉर्म पर भेजने से रोक पाएगा, जो स्पीच गाइडलाइन्स और नियमों का उल्लंघन करते हैं। हालांकि, ऐसे में वॉट्सऐप का एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन एक एआई स्कैनिंग लेवल के बाद लागू होगा और इसे लेकर ही कुछ यूजर्स और एक्सपर्ट्स ने चिंता जताई है।

सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट्स ने जताई चिंता

सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऑन-ऐप कंटेंट मॉडरेशन शुरू करने का फेसबुक का कदम डिवाइस के अंदर ही अटैकर्स और हैकर्स के लिए एक बैकडोर तैयार कर सकता है। Forbes के मुताबिक, ऐसे कंटेंट मॉडरेशन एल्गोरिथ्म के डिवेलपमेंट और ट्रेनिंग के लिए ऐप के ऐसे आपत्तिजनक और अनएनक्रिप्टेड मेसेज फेसबुक तक एनालिसिस के लिए भेजे जाएंगे। कुछ लोगों का कहना है कि यह सिर्फ एक शुरुआत है और इस तरह के अपडेट के बाद एनक्रिप्शन में सेंध लगाने का एक तरीका सामने आ जाएगा। सिक्यॉरिटी एक्सपर्ट ब्रूस ने कहा कि ऐसे में सरकार पर जासूसी के लिए फेसबुक पर दबाव डालना आसान हो जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *