आदिवासियों से उनकी जमीन छीन रही है कमलनाथ सरकार, नाराज ग्रामीण बोले- कर लेगें खुदकुशी

रायसेन 
मध्य प्रदेश में रायसेन जिले के सुल्तानपुर तहसील में 60 आदिवासी परिवारों पर बेघर होने का खतरा मंडरा रहा है. इन परिवारों को 1960 में दिया 365 एकड़ भूमि पर दिया गया पट्टा, अब कमलनाथ सरकार द्वारा रद्द करने की बात की जा रही है. वर्तमान सरकार इस जमीन पर गेहू के भंडारण के लिए सायलो बेग रखना चाहती है. प्रशासन का कहना है कि यह जमीन सरकार की है और सरकारी काम में उपयोग की जा रही है.

सरकार ने आदिवासियों को जीवन यापन करने के लिए 365 एकड़ जमीन सोसायटी बनाकर 60 परिवारों को दी थी. यह परिवार इस जमीन पर कृषि करने अपने परिवार का भरण-पोषण  करते थे. 1980 में सरकार ने इनके पट्टों को खत्म कर दिया था, लेकिन पूर्व शिवराज सरकार ने आदिवासियों से जमीन खाली नहीं करवाई और जमीन पर आदिवासियों का कब्जा बने रहने दिया था.

आदिवासी परिवार जमीन खाली कराए जाने का विरोध कर रहे हैं. धरने पर बैठे ग्रामीणों को पुलिस द्वारा डराया धमकाया जा रहा है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि इस जमीन पर 60 परिवार तीन पीढयों से खेती कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं. अगर सरकार ने उनकी जमीन पर कब्जा किया तो वह सभी आत्महत्या करने के लिए विवश हो जाएंगे.

 तहसीलदार सुशील कुमार ने कहा कि कुछ समय के लिए इस जगह को सायलो बेग के लिए उपयोग किया जा रहा है. यह जमीन  सरकार की है आवश्यकता पड़ी तो वह उसे उपयोग में ले सकती है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि हमे बिना सूचना और नोटिस दिए सरकार हमारा और हमारे बच्चों का निवाला छीन रही है.

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