आत्मनिर्भरता से दिव्यांग महावीर के चेहरे पर आई राहत भरी मुस्कान

रायपुर
सपने साकार करने के लिए हिम्मत और ईमानदारी से मेहनत की जाए तो शारीरिक कमी भी मायने नहीं रखती। यह साबित किया है रायपुर जिले के धरसींवा निवासी महावीर यादव ने। पोलियो से एक पैर खराब हो जाने के बाद भी दिव्यांग महावीर यादव अपनी मेहनत और हिम्मत से आज अपने पैरों पर खड़े हैं। कभी टेलरिंग कर मुश्किल से जीवनयापन करने वाले महावीर की अब धरसींवा के पास खैरखूंट गांव में कपड़े की दुकान है। दुकान से अब अच्छी आमदनी होने लगी है। आत्मनिर्भर होने से महावीर के चेहरे पर राहत भरी मुस्कान है।

महावीर ने बताया कि वह बी.ए. द्वितीय वर्ष तक पढ़े हैं। पारिवारिक परेशानियों के कारण आगे पढ़ाई नहीं कर सके। पहले टेलरिंग करते थे,जिससे उन्हें बहुत कम आय होती थी। मंहगाई के दौर में कम आय में गुजारा करने में कई तरह की दिक्कतें आती थी। इसलिए उन्होंने अपना काम बढ़ाने के बारे में सोचा लेकिन इसके लिए पैसे नहीं थे। उन्हें पता चला कि समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत निःशक्तजन वित्त विकास निगम दिव्यांग लोगों को व्यवसाय और स्वरोजगार के लिए कम ब्याज दर पर लोन देता है। आवेदन करने पर निगम से उन्हें निःशक्तजन स्वरोजगार योजना के तहत 80 हजार 750 रूपये का लोन मिला, इससे उन्होंने कपड़े की दुकान शुरू की। उन्होंने बताया कि कपड़ों की बिक्री से उन्हें हर माह लगभग 12 हजार रूपये आमदनी हो जाती है। आमदनी होने से उन्होंने लोन का पूरा भुगतान भी समय पर कर दिया। समय पर भुगतान करने से उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से 4 हजार 239 रूपये का चेक ब्याज सब्सिडी के रूप में वापस भी मिल गया। अब महावीर मां,पत्नी और 5 माह की बेटी के साथ सुखी जीवन जी रहे हैं,और अपने परिवार का खर्च खुद उठाते हैं। महावीर ने राज्य शासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि स्वरोजगार के लिए निःशक्त लोगों के की मदद कर सरकार हमारे हौसले को संबल प्रदान कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *