आतंकी हाफिज सईद को मिली गिरफ्तारी से छूट

लाहौर
लाहौर के आतंक रोधी अदालत (एटीसी) ने 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड आतंकी संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) चीफ हाफिज और तीन अन्य को अग्रिम जमानत दे दी। यह छूट मदरसे के लिए अवैध जमीन का इस्तेमाल करने के मामले में मिली है।

एटीसी ने हाफिज सईद, हाफिज मसूद, आमीर हमजा और मलिक जफर को 31 अगस्त तक गिरफ्तारी से छूट दे दी है। उन्होंने 50,000 रुपये (पाकिस्तानी करंसी) के मुचलके पर जमानत दी गई है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, सुनवाई के दौरान आरोपियों के वकील ने दलील दी कि जेयूडी किसी अवैध जमीन का इस्तेमाल नहीं कर रहा और इस दलील को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।

इस बीच, लाहौर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार, पंजाब सरकार और काउंटर-टेररिजम डिपार्टमेंट (सीटीडी) को हाफिज की तरफ दायर याचिका के संदर्भ में नोटिस जारी किया है। इस याचिका में हाफिज और उसके सात सहयोगियों ने सीटीडी द्वारा दर्ज टेरर फंडिंग के मामले को चुनौती दी है। कोर्ट ने इस संबंध में दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।

केंद्र सरकार ने नोटिस का विरोध करते हुए दलील दी कि याचिका का कोई आधार नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए मामले की सुनवाई 30 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी। इस मामले में हाफिज के अलावा मोहम्मद अयुब शेख, जफर इकबाल, सैयद लुकमान अली शाह, हाफिज अब्दुल रहमान मक्की, अब्दुल सलाम, अब्दुल गफ्फार और अब्दुल कुडोस शाहिद को सीटीडी ने आरोपी बनाया है।

उल्लेखनीय है कि पंजाब पुलिस के सीटीडी ने 3 जुलाई को हाफिज सहित उसके 13 नेताओं के खिलाफ पंजाब प्रांत के विभिन्न शहरों में टेरर फंडिंग के आरोप में 23 एफआईआर दर्ज की थी। पंजाब पुलिस ने दावा किया था कि टेरर फंडिंग के एफआईआर में जिनका नाम है उन सभी को गिरफ्तार किया जाएगा लेकिन अभी तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

उधर, इन सभी आरोपियों द्वारा दर्ज अर्जी में कहा गया है, 'हाफिज सईद और अन्य (याचिकाकर्ता) लाहौर हाई कोर्ट के (पूर्व के) फैसले के अनुसार लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य नहीं हैं। वे जेयूडी से संबंधित हैं, वे किसी भी आतंकवादी गतिविधि में शामिल नहीं हैं और वे केवल 'ईधी' जैसे सामाजिक कल्याण का काम कर रहे हैं और इससे भी अधिक वे गरीबों और जरूरतमंदों को शिक्षित कर रहे हैं।'

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