आतंकी साजिश: उत्तर प्रदेश और पंजाब में NIA के छापे

 मेरठ
आईएसआईएस मॉड्यूल के खुलासे मामले में नैशनल इनवेस्टिगेशन टीम (एनआईए) ने एक बार फिर ताबड़तोड़ छापेमारी की है। यह छापेमारी पंजाब और वेस्टर्न यूपी के सात ठिकानों पर की गई है। एनआईए की टीम यूपी के अमरोहा और हापुड़ सहित अन्य जगहों पर पहुंची और यहां छापेमारी की। बताया जा रहा है कि हापुड़ से दो संदिग्ध युवकों को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ जारी है।

26 दिसंबर को एनआईए ने आईएसआईएस मॉड्यूल 'हरकत उल हर्ब ए इस्लाम' का खुलासा किया था। इस सिलसिले में उत्तर प्रदेश और नई दिल्ली समेत 16 जगहों पर छापेमारी की गई थी। साथ ही 10 लोगों को हिरासत में लिया गया था, जिसमें से पांच को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के रहने वाले थे। इस खुलासे के बाद एनआईए की टीम लखनऊ भी पहुंची थी और यहां से भी एक मां-बेटे को हिरासत में लिया था।

एक गांव में 26 दिसंबर के बाद से 6 बार छापे
'हरकत उल हर्ब ए इस्लाम' के खुलासे के बाद हिरासत में लिए गए लोगों ने पूछताछ में कई लोगों के नाम लिए। इसके बाद एनआईए ने एक के बाद एक ताबड़तोड़ कई छापे मारे। मेरठ के एक गांव में तो एनआईए तब से छह बार छापेमारी कर चुकी है।

चार दिन पहले छोड़ा गया था युवक
चार दिन पहले एनआईए ने हापुड़ के पिपलैंडा गांव के रहने वाले ताहिर के घर पर 70 स्टाफ की टीम के साथ दबिश दी थी। दबिश मेरठ के गांव जरोड़ा निवासी मौलाना अफसार की निशानदेही पर दी गई। इस दौरान शहजाद को हिरासत में लिया गया। टीम ने शहजाद के पास कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज, किताब और चिप भी बरामद की थीं। 16 घंटे की कड़ी पूछताछ के बाद उसे चार दिन पहले छोड़ा गया था। सूत्रों की मानें तो उसकी निशानदेही पर ही एनआईए आगे छापेमारी कर रही है।

'किताब और चिप के बारे में पूछा'
शहजाद ने बताया कि एनआईए के साथ मेरठ के जसौरी गांव निवासी मौलाना अफसार भी था। टीम ने सिर्फ इतना ही पूछा कि उर्दू, अरबी की किताबें व चिप कहां से आई। उसने बताया कि ये चीजें कुछ समय पहले मौलाना अफसार ने रखने के लिए दी थीं। उसे नहीं पता चिप और किताब में क्या है। इसके बाद टीम ने छानबीन करने के बाद क्लीन चिट दे दी।

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