आगरा में कोरोना की चेन तोड़ने की जिम्मेदारी छह IAS पर
आगरा
यूपी के आगरा में कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने और कंटेनमेंट जोनों में की गईं व्यवस्थाओं पर सबसे ज्यादा फोकस किया जा रहा है। इसकी जिम्मेदारी छह आईएएस अधिकारियों को सौंपी गई है। इन अधिकारियों को कोरोना के संक्रमित मिलने के बाद उन इलाकों में जाकर की गईं व्यवस्थाओं की मॉनीटरिंग करनी होती है।
जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह द्वारा आगरा में तैनात तीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, दो एसडीएम को इस काम में लगाया गया है। ये सभी आईएएस अधिकारी हैं। इसके अलावा मुख्य विकास अधिकारी भी रेंडमली चेकिंग करने के लिए कंटेनमेंट जोन पहुंचती हैं। सभी अधिकारियों द्वारा वहां की रिपोर्ट से जिलाधिकारी को अवगत कराया जाता है। बाद में इस रिपोर्ट के आधार पर समीक्षा बैठक में और बेहतरी के लिए बातचीत की जाती है।
आगरा जिले में 66 कंटेनमेंट जोन सक्रिय हैं। ये संक्रमितों के मिलने पर घटते और बढ़ते रहते हैं। इन कंटेनमेंट जोन के 250 मीटर में 18 घंटे के अंदर जरूरी व्यवस्थाएं करने के निर्देश हैं। इनें कई विभागों को जिम्मेदारी दी गई है। ये काम समय से हुए कि नहीं। इनको देखने के लिए इन आईएएस अधिकारियों को दायित्व सौंपा गया है। यदि व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं मिलती हैं तो उनको पूरा कराने का भी काम इन्हीं अधिकारियों का ही है। प्रभु एन सिंह आगरा जिलाधिकारी कहते हैं जिले में छह आईएएस अधिकारियों को कंटेनमेंट जोन की व्यवस्थाओं को चेक कर उनमें सारी सुविधाएं दुरुस्त कराने की जिम्मेदारी दी है। ये सभी लोग समय से निरीक्षण कर रिपोर्ट देते हैं। उसके आधार पर आगे की रणनीति तय होती है।
निरीक्षण के दौरान ये करते हैं देखरेख
-बेरीकेडिंग लगाई गई कि नहीं
-रजिस्टर में आगंतुकों की इंट्री हो रही है कि नहीं
-सेनेटाइजेशन कराया गया कि नहीं
-दवाइयों का वितरण हुआ कि नहीं
-सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है कि नहीं
-इस इलाके में पुलिस की मौजूदगी
-प्रभावित लोग क्वारंटाइन किए गए कि नहीं