आखिर कौन रोक रहा एमएस धोनी को संन्यास से? हो सकती हैं ये वजहें

 नई दिल्ली
दिवंगत विजय मर्चेंट ने एक बार कहा था कि खिलाड़ी को संन्यास के फैसले के बारे में सतर्क रहना चाहिए। उसे वैसे समय संन्यास लेना चाहिए जब लोग पूछे ‘अभी क्यों’, ना कि तब जबकि लोग यह पूछने लगे कि ‘कब’। फिलहाल यह ‘कब’ का सवाल महेंद्र सिंह धोनी के सामने खड़ा है जिनकी भविष्य पर जारी दुविधा ने इस बहस को छेड़ दिया है कि भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े सितारों में से यह एक प्लेयर ‘कब’ खेल को अलविदा कहेगा।

इंग्लैंड में हाल ही में समाप्त हुए आईसीसी वर्ल्ड कप के बाद से 38 वर्षीय धोनी ने कोई मैच नहीं खेला है। वह वेस्ट इंडीज टूर और साउथ अफ्रीका के साथ हुई सीमित ओवरों की सीरीज में भी नहीं खेले। अब वह विजय हजारे ट्रोफी और बांग्लादेश के खिलाफ होने वाली टी20 घरेलू सीरीज से भी बाहर ही रहेंगे। यानी इस साल यह तय नजर आ रहा है कि वह मैदान पर नजर नहीं आएंगे।

कौन है, जो रोक रहा है
सटीक फैसला लेने के मामले में दुनिया ने धोनी का लोहा माना है। रातों रात टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह देने वाले धोनी से क्रिकेट पंडितों को यही उम्मीद थी कि वह वर्ल्ड कप में भारतीय सफर की समाप्ति के साथ ही इसकी घोषणा कर देंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैदान से उनकी दूरी बढ़ती जा रही है। बावजूद इसके वह फैसला नहीं ले पा रहे हैं। आखिरी वह क्या चीज है, वह क्या बात है जो धोनी को फैसला लेने से रोक रही है। क्या वह एक और वर्ल्ड कप खेलना चाह रहे हैं या फिर ‘बाजार’ का दबाव उन्हें रोक रहा।

टी-20 वर्ल्ड कप की भी भूमिका
अगले साल ऑस्ट्रेलिया में टी20 वर्ल्ड कप खेली जानी है और भारत को अपने कप्तानी में क्रिकेट के इस सबसे छोटे फॉर्मेंट में पहला चैंपियन बनाने का गौरव हासिल करने वाले धोनी शायद एक और वर्ल्ड चैंपियन टीम का हिस्सा बनने की हसरत रखते हों। लेकिन फिलहाल में उन्होंने मैदान से जो दूरी बना रखी है उसे देखकर यह नहीं लगता कि वह वर्ल्ड कप पर विचार कर रहे हैं। अगर वह प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में अपना करियर और भी लंबा करना चाहते तो इंटरनैशनल नहीं तो कम से कम डोमेस्टिक क्रिकेट में जरूर व्यस्त नजर दिखते।

बनी हुई है मार्केट वैल्यू
धोनी सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं हैं। वह खुद में एक ब्रैंड हैं। साल 2018 में माही की सालाना कमाई 101.77 करोड़ रुपये रही थी। प्रतिष्ठित मैगजीन फोर्ब्स ने पिछले साल भारत में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले ऐथलीटों की जो सूची जारी की थी उसमें विराट कोहली शीर्ष पर थे, जबकि धोनी महान सचिन तेंडुलकर से ऊपर दूसरे स्थान पर थे। बाजार में आज भी उनकी ‘कीमत’ बनी हुई है। बड़ी-बड़ी कंपनियों के बड़े प्रोडक्ट के एंडोर्समेंट से वह जुड़े हुए हैं।

कंपनियां जानती हैं कि माही जब तक मैदान पर खेल रहे हैं उनकी ब्रैंड वैल्यू को वे पूरी तरह से भुना सकते हैं, लेकिन एक बार उन्होंने खेल को अलविदा कह दिया तो शायद बाजार में उनकी उतनी पूछ भी नहीं रह जाएगी। क्योंकि यहां ‘जो दिखता है वही बिकता है’। ऐसे में जिन कंपनियों से उनका लंबा करार है वो नहीं चाहेंगी कि माही के नाम के आगे ‘रिटायर्ड’ का टैग लगे।

क्या है साथियों की राय
धोनी को खेलते रहना चाहिए या संन्यास ले लेना चाहिए, इस पर क्रिकेटरों में अलग-अलग राय देखने को मिल रही है। क्रिकेटर से राजनेता बने गौतम गंभीर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि संन्यास लेने का फैसला बेहद निजी होता है। जब तक आप खेलना चाहते हैं, आपको खेलने दिया जाता है, लेकिन आपको भविष्य की ओर भी देखना होता है। मुझे नहीं लगता कि धोनी अगला वर्ल्ड कप खेलेंगे। ऐसे में कोई भी कप्तान हो, चाहे विराट कोहली हों या कोई और, उसे हिम्मत दिखाकर कहना चाहिए कि ये खिलाड़ी भविष्य की योजनाओं में फिट नहीं बैठ रहा है। अब समय आ गया है कि अगले चार-पांच सालों के लिए कुछ युवा खिलाड़ियों को तराशने का काम किया जाए। यहां बात धोनी की नहीं, बल्कि देश की है। विश्व कप जीतने की है।’

भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे सुरेश रैना का कहना है, ‘धोनी अभी फिट हैं और शानदार विकेटकीपर हैं। वह इस खेल के महान फिनिशर हैं। वह अगले साल होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के लिए फिट बैठ सकते हैं।’ ओपनर शिखर धवन कहते हैं, ‘धोनी लंबे समय से खेल रहे हैं। मुझे लगता है कि उन्हें पता है कि उन्हें कब संन्यास लेना है।’
 

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