आकाश विजयवर्गीय को मिली बड़ी राहत, कोर्ट ने दी जमानत

इंदौर
इन्दौर नगर निगम के एक अधिकारी को क्रिकेट बैट से पीटने के बहुचर्चित मामले में गिरफ्तार हुए बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय (34) को भोपाल की स्पेशल कोर्ट ने शनिवार को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा कोर्ट ने उन्हें एक अन्य मामले में भी जमानत दे दी है. दोनों मामलों में उन्हें में 50 हजार और 20 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मिली है.

विधायक विजयवर्गीय के वकील पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि भोपाल की स्पेशल कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुरेश सिंह ने आकाश विजयवर्गीय की जमानत अर्जी पर आज सुनवाई के बाद दोनों मामलों में उन्हें 50 और 20 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.

इन्दौर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने आकाश विजयवर्गीय की जमानत याचिका गुरुवार को खारिज कर दी थी और उन्हें सलाह दी थी कि इस के लिए वह प्रदेश के सांसदों और विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए निर्धारित की गई भोपाल की विशेष अदालत में अपील करें. इसके अगले ही दिन शुक्रवार को आकाश के वकीलों ने उनकी जमानत के लिए भोपाल की स्पेशल कोर्ट का रुख किया.

बता दें, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विभिन्न प्रदेशों में सांसदों और विधायकों के मामलों पर त्वरित सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट का गठन किया गया है.

भार्गव ने कहा कि उन्होंने विशेष अदालत में अपने मुवक्किल के लिए जमानत की अपील की है क्योंकि वह निर्दोष है. उन्होंने बताया कि याचिका में कहा गया है कि पुलिस ने उनकी छवि खराब करने के लिए आकाश को झूठा फंसाया है और उनका (बीजेपी विधायक का) अपराधों से कोई लेना-देना नहीं है.

गौरतलब है कि जर्जर भवन ढहाने की मुहिम के दौरान विवाद के बाद बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने 26 जून को इन्दौर में नगर निगम के एक भवन निरीक्षक को क्रिकेट के बैट से पीट दिया था. आकाश बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं और नवंबर 2018 का विधानसभा चुनाव में इन्दौर-3 विधानसभा सीट से जीतकर पहली बार विधायक बने हैं.

कैमरे में कैद पिटाई कांड में पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद आकाश को बुधवार को इन्दौर के एक प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) के समक्ष पेश किया गया था. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बीजेपी विधायक की जमानत याचिका खारिज कर दी और उसे 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था. इसके बाद पुलिस द्वारा न्यायिक हिरासत के तहत इन्दौर की जेल में बंद बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का पुतला जलाने के पुराने मामले में बृहस्पतिवार को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया.

एमजी रोड थाने के प्रभारी राजेंद्र चतुर्वेदी ने बताया कि पुलिस की टीम आजाद नगर स्थित जिला जेल गई थी और वहां बंद बीजेपी विधायक को भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 (किसी सरकारी अधिकारी के आदेश की अवज्ञा) के तहत कुछ दिन पहले दर्ज मामले में औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया.

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