‘आंतरिक मामला’, हाफिज सईद पर पाक को लगाई लताड़, कश्मीर पर मलयेशिया-तुर्की को भारत का जवाब

 
नई दिल्ली

मुंबई हमले के गुनहगार आतंकवादी हाफिज सईद के लिए 'पॉकेटमनी' की इजाजत मांगने पर भारत ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान के इस कदम पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह पड़ोसी देश का दोहरा चरित्र को दिखाता है। भारत ने तुर्की और मलयेशिया को भी कश्मीर मुद्दे पर नसीहत देते हुए कहा कि यह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है। संयुक्त राष्ट्र में दोनों देशों ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ दिया था और उसी की भाषा में कश्मीर के लिए दिखाई थी हमदर्दी।
कश्मीर के बारे में तुर्की के सामने सही तस्वीर पेश करेंगे
संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का तुर्की ने भी समर्थन किया है। विदेश मंत्रालय ने इस पर कहा, 'यह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है। हम तुर्की की सरकार के साथ कश्मीर मुद्दे पर लेकर विस्तृत चर्चा करेंगे। हम कश्मीर की जमीनी हकीकत उन्हें बताएंगे ताकि वह मामले के बारे में एक निष्पक्ष समझ बना सकें।'
मलयेशिया को नसीहत, 'ऐसी बयानबाजी से बचें'
संयुक्त राष्ट्र में मलयेशिया द्वारा कश्मीर मुद्दा उठाने पर भारत ने दो-टूक जवाब दिया है कि यह भारत का आंतरिक मुद्दा है। विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय वैसे ही हुआ जैसे अन्य रियासतों का हुआ था। पाक ने जबरन घुसपैठ कर अवैध तरीके से कुछ हिस्सों पर अपना कब्जा जमा लिया है। मलयेशिया की सरकार को दोनों देशों के बीच के अच्छे संबंधों को ध्यान में रखना चाहिए और इलस तरह की बयानबाजी से बचना चाहिए।'

हाफिज का आवेदन लेकर UN पहुंचा था पाकिस्तान
बता दें कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अनुरोध किया था कि वैश्विक आतंकवादी सईद के परिवार के मासिक खर्चे के लिए उसे बैंक खाते को इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाए। संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान के अनुरोध पर जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद को उसके बैंक खाते को इस्तेमाल करने की इजाजत भी दे दी।

इमरान के जिहाद बयान को बताया गंभीर और असामान्य
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की कश्मीर पर दिए बयानों और जिहाद के ऐलान की भी भारत ने सख्त आलोचना की। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लोगों से एलओसी की ओर कूच करने का खुला आह्वान कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र में भी उन्होंने भड़कानेवाले और गैर-जिम्मेदाराना बयान दिए। हमें ऐसा लगता है कि शायद उन्हें अंतरराष्ट्रीय संबंध कैसे बनाए जाते हैं, अभी तक इसकी जानकारी नहीं है। सबसे गंभीर बात है कि उन्होंने लोगों से भारत के खिलाफ जिहाद का ऐलान किया है और यह सामान्य बात नहीं है।'
 

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