असंगठित कामगर कांग्रेस का धरना-प्रदर्शन

रायपुर
छत्तीसगढ़ असंगठित कामगार कांग्रेस ने सेंट्रल पूल का चावल न खरीदने का विरोध करते हुए सोमवार को यहां राजीव गांधी चौक पर महाधरना दिया। नारेबाजी करते हुए उनका कहना है कि केंद्र सरकार इसके पहले तक सेंट्रल पूल से राज्य तक चावल खरीददती रही है, लेकिन इस बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बार-बार पत्र लिखने के बाद भी वहां से अनुमति नहीं दी जा रही है।

दिल्ली से रीजनल कॉर्डिनेटर डॉ अनामिका साई एवं नेशनल कॉर्डिनेटर अरुण त्रिपाठी की उपस्थिति में असंगठित कामगार कांग्रेस के सैकड़ों पदाधिकारी-कार्यकर्ता  राजीव गांधी चौक पर एकजुट हुए। इसके बाद वे सभी केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। धरने में कांग्रेस के कई नेता भी शामिल हुए। असंगठित कामगार कांग्रेस के पदाधिकारियों का कहना है कि इस समय देश बेरोजगारी, आर्थिक मंदी, महंगाई समेत कई विपरीत दौर से गुजर रहा है। केन्द्र सरकार  इन समस्याओं को दूर करने में पीछे हैं।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में केंद्र की भाजपा सरकार सामाजिक सुरक्षा लाने जा रही है, जिससे मौजूदा 15 श्रम कल्याण कानूनों का विलय किया गया है।आश्चर्य यह है कि इस संहिता में  40 करोड़ असंगठित श्रमिकों के लिए कुछ भी ठोस वायदा नहीं किया गया है। असंगठित कामगार कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने मांग की है कि भारत सरकार किसानों के हित में छत्तीसगढ़ का चावल सेंट्रल पुल में खरीदे।

असंगठित कामगारों के रोजगार की रक्षा करते हुए उनके लिए बेहतर रोजगार की व्यवस्था तैयार करें। बेरोजगारों के लिए रोजगार का अवसर तैयार करें। असंगठित कामगारों की मजदूरी तय हो। सामाजिक सुरक्षा संहिता में असंगठित श्रमिकों के लिए जीवन, विकलांगता, स्वास्थ्य, मातृत्व एवं पेंशन संबंधित प्रावधान भी तय की जाए। सभी असंगठित एवं स्व श्रमिकों को कामगार के रूप में पहचान एवं पंजीकृत किया जाए। सभी असंगठित कामगारों ईपीएफ एवं ईएसआई योजना के दायरे में लाया जाए।

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