अल्सर से बचाव के तरीके और इसके इलाज

कुछ खाते समय आहार नली में तेज जलन और दर्द इस बात का लक्षण होता है कि पेट में अल्सर पनप रहे हैं। ये अल्सर आहारनाल या आंतों के अंदरूनी हिस्से पर बनते हैं। इस स्थिति में पेशंट के लिए ठोस आहार तो छोड़िए तरल पदार्थ खाना यहां तक की पानी निगलने में भी दिक्कत होती है। आइए, जानते हैं क्यों होता है ऐसा और इस समस्या का समाधान क्या है…

अल्सर होते क्या हैं?-अल्सर पेट में होनेवाले एक तरह के घाव होते हैं। जब ये आंत या आहारनाल में बन जाते हैं तो कुछ भी खाने-पीने में बहुत दिक्कत होती है। चबाया हुआ निगलते वक्त भी ऐसा लगता है, जैसे वह हमारे गले की नली को चीरता हुआ अंदर जा रहा है। इस स्थिति में पेशंट पानी तक पीने से डरने लगता है। क्योंकि उसे पीते वक्त भी बहुत तेज जलन और चुभन होती है।

-पेट के अलग-अलग हिस्सों में होनेवाले अल्सर को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इसी तरह इनकी वजह भी अलग-अलग हो सकती हैं। पेट में होनेवाले अल्सर को गैस्ट्रिक अल्सर और आंत में होनेवाले अल्सर को डुओडिनल अल्सर कहा जाता है।

अल्सर होने के कारण
-आमतौर पर अल्सर होने की वजह शरीर में बढ़ा हुआ अम्ल होता है। अम्ल को एसिड भी कहा जाता है। पेट में एसिड बनने के ज्यादातर कारण हमारी डायट से जुड़े होते हैं। यदि हम खाने में लंबे समय तक गर्म तासीर की चीजें खाते रहें तब भी इस तरह की समस्या हो जाती है।

-कई बार कुछ दवाओं के सेवन से या अधिक मात्रा में किसी दवाई के सेवन के कारण भी इस तरह की समस्या हो सकती है। किसी भी कारण से शरीर में अधिक मात्रा में बननेवाला अम्ल हमारे डायजेस्टिव सिस्टम के जिस हिस्से के अधिक संपर्क में आता है, वहां अल्सर बनने लगते हैं।

-कुछ हानिकारक बैक्टीरिया भी अल्सर बनने का कारण होते हैं। जब ये बैक्टीरिया शरीर के अंदरूनी अंगों पर हावी हो जाते हैं तो घाव बना देते हैं। इन घावों के कारण कुछ भी खाना-पीना मुश्किल हो जाता है।

इस वजह से हो रहे हैं ज्यादातर अल्सर
-अब तक हमने अल्सर से जुड़ी जिन बातों का जिक्र किया वे आमतौर पर डायट और बैक्टीरिया से जुड़ी हैं। लेकिन कुछ सिगरेट पीने की आदत, शराब का अधिक सेवन या लंबे समय तक बहुत अधिक मानसिक तनाव में रहना भी अल्सर का कारण हो सकता है। आजकल युवाओं में अल्सर होने के कारणों के रूप में ये तीनों ही मुख्य वजह बन रही हैं।

अल्सर होने के और क्या लक्षण हैं
-जैसा कि हम बात कर चुके हैं कि अल्सर होने पस सबसे पहले तो कुछ भी खाने-पीने में दिक्कत होती है। एक तरफ तो व्यक्ति कुछ खा नहीं पाता क्योंकि तेज जलन और चुभन होती है। और दूसरी तरफ ना खाने के कारण पेट में और अधिक एसिड बनने लगता है, जो समस्या को अधिक दर्दनाक बना देता है।

-पेट में अल्सर होने पर व्यक्ति को लगातार खट्टी डकार आती रहती हैं। कभी-कभी उल्टी की समस्या भी हो जाती है तो कभी पेट में लगातार तेज दर्द होना, कमजोरी महसूस होना, चक्कर आना जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है।

 

अल्सर का इलाज क्या है?
-अल्सर को ठीक करने के लिए सबसे पहले तो खान-पान में बदलाव करने की जरूरत होती है। इस बारे में आपको डॉक्टर ठीक तरीके से गाइड कर पाएंगे। क्योंकि खान-पान इस बात पर बहुत अधिक निर्भर करता है कि आप किस एरिया में रहते हैं और आपको किस मौसम में यह समस्या हुई है।

-डॉक्टर आपको ऐसी दवाएं देंगे जो शरीर में अम्ल की मात्रा को नियंत्रित करने में सहायक होगी। साथ ही अल्सर को ठीक करने का काम भी करेगी। जिन लोगों में अल्सर बहुत अधिक गंभीर स्थिति में पहुंच जाते हैं, उस स्थिति में एंडोस्कोपी तकनीक के माध्यम से पेशंट का ऑपरेशन भी किया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *