अलौकिक विशेषता को पहचान कर आगे बढ़ने का प्रयास करें दिव्यांग : नाईक

 
लखनऊ

 उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक ने दिव्यांग बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुये कहा कि मजबूत इच्छा शक्ति से असंभव कार्य भी संभव हो सकते है, इसलिये दिव्यांगों को अपनी अलौकिक विशेषता को पहचानकर आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिये।
 राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में नाईक ने नोयडा से आये 111 बच्चों के समूह को संबोधित करते हुये कहा कि शरीर में कोई कमी होना दोष नहीं है। यदि एक अंग की शक्ति कम होती है तो मनुष्य के पास दूसरा कोई न कोई गुण विशेष रूप से बढ़ जाता है। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिव्यांग शब्द दिया है। दिव्यांगों को समस्या को सुलझाने के लिये स्वयं रास्ते निकालना चाहिये।

उन्होंने कहा कि हिम्मत हारें बिना संघर्ष करते रहना ही जीवन है क्योंकि निरन्तर आगे बढ़ते रहने वालों को ही सफलता मिलती है। केन्द्र सरकार ने दिव्यांगों के सशक्तीकरण के लिये कई नये कानूनों का प्राविधान किया है। दिव्यांगों के लिये एक विशेष विश्वविद्यालय, डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय की स्थापना लखनऊ में हुई है, जिसमें दिव्यांग और सामान्य बच्चे एक साथ उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शिक्षा ही भावी जीवन को नई दिशा दे सकती है।'
 

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