अयोध्या : चैत्र नवरात्र में रामलला को पहनाने के लिए नए वस्त्र तैयार

 अयोध्या 
                  
चैत्र नवरात्र में रामलला को पहनाने के लिए नए वस्त्र तैयार हो गए हैं। रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येन्द्र दास ने सात दिनों के अलग-अलग रंग के पोशाक सिलने के लिए भगवान के वस्त्र सिलने वाले विशेष टेलर को आर्डर दिया था।

भगवान के टेलर भगवत प्रसाद पहाड़ी ने बताया कि नवरात्र का शुभारम्भ भले ही बुधवार से हो रहा है लेकिन शुभता के लिए रामलला को पीताम्बरी ही धारण कराई जाएगी। नवरात्र के पहले दिन रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला परिसर में ही नए स्थान पर प्रतिष्ठित किए जाएंगे। यह अवसर भी उत्सव का है, ऐसे में पीत वस्त्र ही पारम्परिक होगा।

चारों भाईयों के साथ हनुमान जी के लिए बना है चोला
रामलला के मुख्य अर्चक श्री शास्त्री ने बताया कि परम्परा से रामलला व उनके तीनों अनुजों के लिए नए वस्त्र के अलावा हनुमान जी के लिए चोला चैत्र नवरात्र में ही  बनवाए जाते रहे हैं। उसी कड़ी में यह वस्त्र भी बनवाए गए हैं। उन्होंने बताया कि हर दिन के लिए अलग-अलग रंगों का शास्त्रीय विधान है। इसी विधान के अनुसार ही परिधान बनवाए गए हैं। उन्होंने बताया कि नवरात्र के प्रथम दिन रामलला के नए मंदिर में कलश स्थापन के साथ नौ दिवसीय परम्परागत अनुष्ठान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस नवरात्र में आदित्य हृदय स्त्रोत का पारायण विशेष रूप से किया जाता है। इस स्त्रोत का वर्णन वाल्मीकि रामायण में आया है। महर्षि अगस्त ने रावण पर विजय के लिए भगवान राम को  इस स्त्रोत के पारायण की सलाह दी थी।

उत्सव के आयोजन के लिए दी जाने वाली धनराशि में होगी वृद्धि
इलाहाबाद हाईकोर्ट के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश जस्टिस एचएन तिलहरी के निर्देश पर छह दिसम्बर से रामलला के उत्सव-समैया इत्यादि के आयोजन के लिए रामजन्मभूमि परिसर के तत्कालीन रिसीवर की ओर से धनराशि दी जाती थी। रामनवमी उत्सव के लिए मुख्य अर्चक को 51 हजार की धनराशि दी जाती रही है। अब यह व्यवस्था रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के हाथों में आ गई है। आचार्य सत्येन्द्र शास्त्री ने बताया कि ट्रस्ट को यह सुझाव दिया गया है कि इस बार व्यवस्था अधिक होगी, ऐसी स्थिति में धनराशि में भी वृद्धि होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट की ओर से आश्वस्त किया गया है कि उनसे वार्ता कर व्यवस्था पर जो भी व्यय होगा, वह किया जाएगा।

तीन प्रकार की तीन कुंतल पंजीरी व एक कुंतल पंचामृत बनेगा
रामनवमी के अवसर पर रामलला के प्राकट्योत्सव के दिन तीन प्रकार की अलग-अलग तीन कुंतल पंजीरी व एक कुंतल पंचामृत का निर्माण कर श्रद्धालुओं को प्रसाद रूप में वितरित किया जाएगा। रामलला के मुख्य अर्चक ने बताया कि हाईकोर्ट की व्यवस्था के मुताबिक प्राप्त धनराशि से एक कुंतल पंजीरी व 50 ली. दूध, दही, घृत, मधु व सरयू जल को मिलाकर पंचामृत का निर्माण किया जाता रहा है। उन्होंने बताया कि तीन अलग-अलग प्रकार की पंजीरी में सिंघाड़ा, धनिया एवं रामदाना शामिल है।

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