अमेरिकी कंपनी ने किया ह्यूमन ट्रायल, मिले बेहतर नतीजे, कोरोना वैक्सीन की उम्मीद बढ़ी
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चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस के प्रकोप से इन दिनों पूरी दुनिया जूझ रही है. ऐसे में कई देश इस महामारी के वैक्सीन की खोज में जुटे हुए हैं. दुनिया भर की तमाम लैबों में वैज्ञानिक दिन-रात एक कर वैक्सीन को जल्द से जल्द इजात करने की कोशिशों में लगे हुए हैं. इस बीच अमेरिका की दवा कंपनी मॉडर्ना ने कोरोना वैक्सीन बनाने की उम्मीदें बढ़ा दी हैं.
कंपनी ने वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया में एक अहम चरण पार कर लिया है. बताया जा रहा है कि कंपनी ने वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू कर दिया है और ह्यूमन ट्रायल के नतीजे भी काफी बेहतर मिले हैं. कंपनी ने कहा है कि ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल के शुरुआती नतीजे सकारात्मक आने के बाद जुलाई में वैक्सीन के ट्रायल का तीसरा चरण शुरू हो जाएगा.
जानकारी के मुताबिक अब अगर तीसरा चरण सफल रहा तो कंपनी वैक्सीन बनाने का लाइसेंस हासिल करने के लिए अप्लाई कर सकेगी. बता दें कि मॉडर्ना पहली दवा कंपनी है जिसने अपनी आरएनए आधारित वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल किया है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कह चुके हैं कि साल के अंत तक कोरोना की वैक्सीन आ सकती है.
मॉडर्ना कंपनी आरएनए आधारित वैक्सीन mRNA-1273 के मानव परीक्षणों की घोषणा करने और उसे अंजाम देने वाली पहली अमेरिकी कंपनी थी. कंपनी ने अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज (NIAID) के नेतृत्व में पहले चरण के अध्ययन से अपने वैक्सीन के मानव परीक्षणों के सकारात्मक परिणामों के आंकड़ों की भी घोषणा की थी.
फार्मा कंपनी ने कहा कि वैक्सीन mRNA-1273 का असर पहले चरण के परीक्षणों में सुरक्षित और सफल रहा था, पहले चरण के क्लीनिकल ट्रायल में हिस्सा लेने वाले हर शख्स को 25, 100 या 250 माइक्रोग्राम की खुराक दी गई थी. प्रत्येक खुराक समूह में 15 लोग रखे गए थे. अंतरिम परिणामों से पता चला कि एंटीबॉडी समान स्तर पर था जो आमतौर पर उन लोगों के रक्त के नमूनों में देखे गए थे जो कोरोना वायरस से संक्रमित थे.
मॉडर्ना कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टीफन बैंसेल ने कहा, "आज के पहले चरण के सकारात्मक आंकड़ों के साथ, हमारी टीम जुलाई में तीसरे चरण के अध्ययन को शुरू करने के लिए जितना संभव हो उतनी तेजी से आगे बढ़ने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. सफल होने पर लाइसेंस के लिए आवेदन देंगे."